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मानसून के शुरुआती जुलाई महीने में किसान भाई क्या करें

Published on: 27-Jun-2022

दोस्तों आज हमारा यह आर्टिकल मानसून के शुरुआती जुलाई महीने में किसान भाई क्या करें और मानसून से जुड़े सभी प्रकार की आवश्यक जानकारी से जुड़ा होगा।

मानसून और किसानों से जुड़ी आवश्यक जानकारियों को प्राप्त करने के लिए हमारे इस आर्टिकल के अंत तक जरूर रहेंगे। 

मानसून के शुरुआती जुलाई महीने के कृषि कार्य

दोस्तों अगर बात करें मानसून के महीने की, तो मानसून का महीना किसानों के लिए सोने पर सुहागा होता है। मानसून का आरंभ महासागर तथा अरब सागर की तरफ से भारत के दक्षिण पश्चिम तट पर आने वाली पावस हवाओं को कहा जाता हैं। 

मानसून के महीने में तेज हवाएं और तेज बारिश खूब होती है। इन मानसून हवाओं के प्रभाव से भारत के आसपास के क्षेत्र यानी पाकिस्तान, बांग्लादेश आदि क्षेत्रों में भारी वर्षा होती हैं। 

इन मानसून हवाओं का सक्रिय दक्षिण एशिया क्षेत्र में जून के महीने से लेकर सितंबर तक चलता रहता है।

किसान भाइयों पर मानसून का प्रभाव:

जैसा कि हम सब जानते हैं कि भारतएकउपजाऊदेश है। यहां हर प्रकार की फसलें उगाई जाती हैं इसीलिए इसे सोना उगलने वाली भूमि भी कहां जाता है। 

भारत में अधिकांश लोग कृषि विकास और उत्पादन पर ही अपना जीवन निर्भर करते हैं। मूल रूप से कहे तो भारत एक कृषि अर्थव्यवस्था का स्वरूप है। भारत की लगभग 50% जनसंख्या अपनी आजीविका कमाई कृषि के माध्यम से ही करती हैं।

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किसान भाइयों के लिए महत्वपूर्ण मानसून का महीना:

पूर्ण रूप से कृषि उद्योग पर निर्भर देश के लिए मानसून का महीना सब महीनों से आवश्यक महीना है। भारत की ज्यादातर कृषि भूमियों को सिंचाई की आवश्यकता होती है और यह भूमि मानसून की वर्षा के कारण भली प्रकार से सिंचित हो जाती है। 

यह दक्षिण पश्चिम मानसून के संपर्क से सिंचित होती हैं। कुछ ऐसी फसलें हैं जिनको भारी वर्षा की जरूरत पड़ती है, यह फसलें कुछ इस प्रकार है जैसे: चावल, दालें आदि। इन फसलों को भरपूर वर्षा की आवश्यकता होती है, ताकि यह फसलें पूर्ण रूप से उत्पादन कर सके। 

यह भारतीयों का मुख्य आहार भी है जो भारतीय खाना बेहद पसंद करते हैं। किसानों के अनुसार रबड़ के पेड़ों को अच्छे तापमान और भारी वर्षा की बहुत जरूरत पड़ती है। 

यह रबड़ के पेड़ दक्षिणी क्षेत्रों में रोपड़ होते हैं। किसानों का यह कहना है, कि मानसून की पहली बारिश पर ही फसलों का रोपण पूर्ण रूप से निर्भर होता है। विपत्ति संकट से जूझने वाले किसानों के लिए मानसून का महीना सबसे महत्वपूर्ण होता है। 

मानसून का सीजन किसानों के लिए क्यों महत्वपूर्ण होता है?

एक अच्छा मानसून का सीजन कृषि उद्योग को पुनर्जीवित करता है। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि गांव तथा ग्रामीण में जल का कोई साधन नहीं होता हैं। मात्र नदियों और हैंडपंप के माध्यम से ही पानी का स्त्रोत बना रहता है।

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फसलों में पानी की प्राथमिक स्त्रोत को पूरा करने के लिए महिलाएं, पुरुषों बच्चों आदि को दूर दूर से पानी लाना पड़ता है। मानसून का महीना किसानों की इस गंभीर समस्याओं को दूर कर देता है। 

भारी वर्षा के कारण भूमिगत जल आवश्यकता की आपूर्ति होती है। मानसून का महीना ग्रामीण विकास में काफी सहायक होते है और भूमि के जलाशयों की भरपूर भरपाई होती हैं। 

किसान भाई विभिन्न प्रकार के कर्ज़ में डूबे होते हैं और इन कर्ज़ों को अदा करने में मानसून का सीजन मदद करता है। इसीलिए मानसून के सीजन को सबसे महत्वपूर्ण सीजन कहा जाता है। 

सरकार द्वारा किसानों को काफी कम मुनाफा होता है इस प्रकार किसानों को और ज्यादा अच्छे उपज की जरूरत पड़ती है।

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मानसून की शुरुआत के, जुलाई महीने में किसान भाई क्या करें ?

मानसून के महीने में अच्छी फसलों की प्राप्ति के लिए किसान भाइयों को क्या करना चाहिए जानिए। जुलाई के महीने में किसान भाई को कोई कठिन काम करने की आवश्यकता नहीं है, कुछ आसान तरीके हैं जो कुछ इस प्रकार है:

  • मानसून का महीना मन मोह लेने वाला होता है काफी सुहाना और खूबसूरत मौसम होता है। इस मानसून के महीने में लोग घूमना फिरना काफी पसंद करते हैं और इस मौसम का भरपूर मजा लेते हैं।
  • हमारे भारत देश में सभी प्रकार की खेती पूर्ण रूप से मौसम पर ही निर्भर होती है।अच्छी बारिश के ज़रिए खेत, खलियान हरे भरे होकर लहराने लगते हैं। खेतों को हरा भरा देख किसानों में एक अलग तरह का उत्साह पैदा हो जाता है।

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जिस प्रकार हर सिक्के के 2 पहलू होते हैं उसी प्रकार मानसून का महीना कुछ फसलों के लिए बहुत ही ज्यादा फायदेमंद होता है। और कुछ फसलों को नुकसान भी पहुंचा सकता है।

ऐसी स्थितियों से बचने के लिए हमारे किसान भाइयों को कुछ आसान तरीके अपनाने चाहिए:

  • मानसून के महीने में फसल को सुरक्षित रखने के लिए किसानों को चाहिए कि वह खेतों में ज्यादा से ज्यादा अच्छी पैदावार प्राप्त करने के लिए जलभराव को रोकना शुरू करें। जलभराव को रोकना बहुत ही ज्यादा आवश्यक होता है, क्योंकि इससे हमारी फसलें खराब हो सकती हैं। जलभराव से बचने के लिए आपको खेत के बीच में गहरी नालियों की व्यवस्था करनी चाहिए। ताकि जब भी कभी बारिश का पानी खेतों में जाए तो वह आसानी से बाहर निकल जाए, बिना फसलों को नुकसान पहुंचाए।
  • कृषि विशेषज्ञ मानसून के महीनों में नर्सरी फसलों की सुरक्षा के लिए हर तरह की जानकारी अवगत कराते हैं। जिस जानकारियों को अपनाकर आप अपनी नर्सरी फसलों की सुरक्षा कर सकते हैं।
  • विशेषज्ञों के अनुसार जिन फल और सब्जियों की फसलों को ज्यादा पानी की आवश्यकता पड़े, उन फसलों को किसान भाई मानसून में लगाएं ताकि फसलों को पूर्ण रूप से जल प्राप्ति हो सके।
  • फसलों के बचाव के लिए जैविक कीटनाशक छिड़काव की बहुत आवश्यकता होती है। यह छिड़काव आपको समय-समय पर फसलों पर करते रहना है।
  • रासायनिक कीटनाशक तथा फफूंदी नाशक का उपयोग सिर्फ और सिर्फ कृषि विशेषज्ञों की सलाह पर ही करें।
  • मानसून का महीना फसलों के लिए सफ़ेद मक्खियों का प्रकोप भी बन जाता है। ऐसे में किसानों को चाहिए कि वह लगभग 5 किलो नीम की खली को अच्छी तरह से पानी में घोलकर मिला लें। फसलों की सुरक्षा के लिए फसलों पर छिड़काव करते रहे। क्योंकि यहां सफेद मक्खियां फसलों की उत्पादन क्षमता को रोकती हैं।

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दोस्तों हम उम्मीद करते हैं, कि आपको हमारा यह आर्टिकल मानसून के शुरुआती जुलाई महीने में किसान भाई क्या करें पसंद आया होगा। हमारे इस आर्टिकल में सभी प्रकार की महत्वपूर्ण जानकारियां मौजूद है। 

जिससे आप लाभ उठा सकते हैं। यदि आप हमारी दी गई जानकारियों से संतुष्ट हैं। तो हमारे इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा सोशल मीडिया और अपने दोस्तों के साथ शेयर करें। धन्यवाद।

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