वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ. एम.एल. जाट बने ICAR के नए महानिदेशक और डेयर सचिव

Published on: 21-Apr-2025
Updated on: 21-Apr-2025
Dr. M.L. Jat
सम्पादकीय सम्पादकीय

लेखक: डॉ वीरेन्द्र सिंह गहलान 

देश के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ. एम.एल. जाट को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) का नया महानिदेशक (डीजी) और कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग (डेयर) का सचिव नियुक्त किया गया है। 

कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार, मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने उनकी नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। यह नियुक्ति उनकी पदभार ग्रहण करने की तिथि से प्रभावी मानी जाएगी और वे यह जिम्मेदारी 60 वर्ष की आयु तक निभाएंगे।

वर्तमान में डॉ. जाट हैदराबाद स्थित अंतरराष्ट्रीय अर्ध-शुष्क उष्णकटिबंधीय फसल अनुसंधान संस्थान (ICRISAT) में अनुसंधान के उपमहानिदेशक पद पर कार्यरत हैं। 

वे एक ख्यातनाम सिस्टम एग्रोनोमिस्ट हैं और विकासशील देशों में सिस्टम साइंस के क्षेत्र में उन्हें 25 से अधिक वर्षों का अनुभव है।

डॉ. जाट, पूर्व महानिदेशक डॉ. हिमांशु पाठक की सेवानिवृत्ति के बाद यह जिम्मेदारी संभालेंगे। डॉ. पाठक ने आईसीएआर से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर 6 मार्च को ICRISAT के महानिदेशक पद का कार्यभार ग्रहण किया था। 

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इसके बाद कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी को अंतरिम रूप से ICAR का महानिदेशक नियुक्त किया गया था। ICAR के नियमों के अनुसार, सामान्य कृषि वैज्ञानिक 62 वर्ष तक सेवा दे सकते हैं, 

परंतु DG के पद के लिए अधिकतम आयु सीमा 60 वर्ष निर्धारित है, क्योंकि इस पद के साथ डेयर सचिव की जिम्मेदारी भी जुड़ी होती है। डॉ. जाट की नियुक्ति इन्हीं नियमों के अनुरूप हुई है।

विभिन्न संस्थानों में व्यापक अनुभव 

डॉ. एम.एल. जाट ने ICRISAT में "लचीले खेत और खाद्य प्रणाली (RF & FS)" कार्यक्रम के वैश्विक अनुसंधान निदेशक के रूप में कार्य किया है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कई प्रमुख संस्थानों में योगदान दिया है। 

वे 13 वर्षों तक वैश्विक CGIAR नेटवर्क का हिस्सा रहे हैं, जिसमें उन्होंने 12 वर्षों तक CIMMYT (अंतरराष्ट्रीय मक्का और गेहूं सुधार केंद्र) में सिस्टम एग्रोनोमिस्ट और सिस्टम साइंस रणनीति प्रमुख के रूप में सेवाएं दीं। 

साथ ही, एक वर्ष तक उन्होंने IRRI (अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान) में भी कार्य किया है। इसके अतिरिक्त, वे ICAR में भी 12 वर्षों तक सिस्टम एग्रोनोमिस्ट के रूप में जुड़े रहे।

डॉ. जाट ने आईसीएआर-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI), नई दिल्ली से वर्षा आधारित बाजरा पर मृदा नमी संरक्षण विषय में पीएचडी की है। 

वे प्रतिष्ठित राष्ट्रीय कृषि विज्ञान अकादमी (NAAS) के फेलो हैं और उन्हें ICAR का रफी अहमद किदवई पुरस्कार सहित कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं। 

इसके अलावा, वे संयुक्त राष्ट्र के FAO, अंतरराष्ट्रीय सटीक कृषि सोसायटी (ISPA) और अन्य संस्थानों से भी जुड़े रहे हैं।

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आईसीएआर: कृषि अनुसंधान का सर्वोच्च निकाय

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर), कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के तहत कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग (DARE) का एक स्वायत्त संगठन है। 

यह संस्था देशभर में कृषि, बागवानी, पशुपालन, मत्स्य पालन और अन्य संबंधित क्षेत्रों में अनुसंधान और शिक्षा के समन्वय, मार्गदर्शन और प्रबंधन का कार्य करती है। डॉ. जाट की नियुक्ति से उम्मीद की जा रही है कि यह संस्था अनुसंधान के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छुएगी।