ओमवीर सिंह सिरोही एक आर्मी से रिटायर सैनिक हैं। उनकी ऑंखें तब भर आई जब उनके दो बेटों ने अपने पिता जी के जन्मदिन के अवसर पर आकस्मिक रूप से एक स्वराज 744 FE ट्रैक्टर और एक आई-फोन गिफ्ट किया।
दरअसल, ओमवीर सिंह सिरोही भारतीय सेना से 2008 में सेवानिवृत होकर अपने गांव सैदपुर जिला बुलंदशहर में मूल रूप से रहते हैं।
यहां उनके पास लगभग 25 बीघा कृषि योग्य भूमि है। इसलिए वह अब खेती किसानी का कार्य करने से भी पीछे नहीं हटते।
जैसा कि हम सब भली-भाँति जानते हैं, कि भारतीय कृषि के अंदर ट्रैक्टर का बेहद महत्वपूर्ण स्थान है, क्योंकि ट्रैक्टर की वजह से कृषि क्षेत्र में एक क्रांतिकारी परिवर्तन देखने को मिला है।
इसकी वजह से कृषि को मुनाफे का स्त्रोत बनाया जा सकता है। ट्रैक्टर ने कृषकों की विभिन्न तरह से सहायता की है, पहले जिन क्षेत्रों में खेती करने में ज्यादा कठिनाई आती थी, वहां पर भी ट्रैक्टर ने अपना कमाल दिखाया है।
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वर्तमान में केवल खेती के लिए ही नहीं बल्कि बागवानी के लिए भी छोटे-छोटे ट्रैक्टरों का इस्तेमाल होने लग गया है।
आज के वक्त में किसान पूर्ण रूप से ट्रैक्टर पर आश्रित हैं, चाहे उसे खेत में बुवाई करनी हो, खेत को साफ-स्वच्छ करना हो अथवा अपनी फसल को घर लाना हो।
सिर्फ इतना ही नहीं फसल को बेचने के लिए मंडी तक पहुँचाना हो या खेत में खरपतवार छिड़काव, कीटनाशक छिड़काव आदि के लिए भी ट्रैक्टर का उपयोग आम बात हो चुका है।
साथियों, आपने जन्मदिन पर कई तरह के उपहार दिए जाने के बारे में जरूर सुना होगा। लेकिन, आज हम आपको पिता पुत्र के प्रगाढ़ रिश्ते और पिता के जन्मदिन पर अनोखा उपहार देने का जीता-जागता उदाहरण बताने जा रहे हैं।
ओमवीर सिंह सिरोही जी ने सेना में कार्यरत होते हुए भी अपने बच्चों पर कड़ी नजर रखी और बेहद प्यार भी दिया।
उन्होंने अपने दोनों बेटों की शिक्षा पर काफी बल दिया, जिसके परिणामस्वरूप आज उनका एक बेटा इंडियन फिनटेक कंपनी में तो दूसरा बेटा न्यूजीलैंड में अच्छे पद पर कार्यरत हैं।
साथ ही, उनके द्वारा अपने बच्चों को दिए गए संस्कारों और शिक्षा का पता इस बात से साफ़ मालूम होता है कि उनके दोनों सुपुत्रों ने अपने पिता की ख़ुशी को दोगुना करने के लिए उनके जन्मदिन पर ट्रैक्टर और आईफोन जैसा उपहार देने का सराहनीय कार्य किया।
ओमवीर सिंह सिरोही के जन्मदिन पर पूरे परिवार ने एक साथ मिलकर ट्रैक्टर की आकृति का बना हुआ केक कट किया।
केक काटने के समय ओमवीर सिंह सिरोही जी के साथ में उनकी धर्मपत्नी भी उपस्थित रहीं थीं। ओमवीर सिंह के पूरे परिवार में काफी एकता और बेहद प्रेम का माहौल साफ़ तौर पर देखने को मिला।
ओमवीर सिंह को कृषि संबंधी नवीनतम जानकारी प्राप्त करने में भी काफी रुची रहती है। यही वजह है कि वह मेरीखेती के पोर्टल पर समय समय पर कृषि से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी लेते रहते हैं।
ओमवीर सिंह ने मेरीखेती के व्हाट्सएप ग्रुप 28 पर अपने जन्मदिन पर मिले शानदार गिफ्ट की जानकारी साझा करते हुए मेरीखेती वेबसाइट की भरपूर तारीफ भी की।
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ओमवीर सिंह सिरोही ने कहा कि मेरीखेती वेबसाइट की मदद से उनको अपनी खेती किसानी के हर एक आवश्यक कार्य में बेहद मदद मिलती है।
मेरीखेती से ओमवीर सिंह इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने मेरीखेती की टीम से संपर्क करके अपने गांव में किसान पंचायत का आयोजन करने के लिए भी आग्रह किया।
दरअसल, किसान भाइयों मेरीखेती की तरफ से हर माह किसानों की समस्याओं को केवीके के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिकों की मदद से दूर करने के उद्देश्य से किसान पंचायत का आयोजन किया जाता है।
इस किसान पंचायत के दौरान सरकार द्वारा जारी किसान कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी, कृषि उद्योग, कृषि नवाचार और आधुनिक कृषि उपकरणों सहित कई सारे कृषि संबंधी विषयों पर व्यापक रूप से चर्चा की जाती है।
जानकारी के लिए बतादें, कि कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) भारत में कृषि विस्तार केंद्र हैं। आमतौर पर एक स्थानीय कृषि विश्वविद्यालय के साथ जुड़े हुए ये केंद्र भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और किसानों के बीच अंतिम कड़ी के रूप में काम करते हैं।
ये कृषि अनुसंधान परिणामों को व्यावहारिक तौर पर स्थानीय संगठनों में लागू करने का लक्ष्य रखते हैं। सभी कृषि विज्ञान केंद्र पूरे भारत में 11 कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थानों (अटारी) के अधिकार क्षेत्र में आते हैं।