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मेरीखेती द्वारा अड्डा-पाली में आयोजित मासिक किसान पंचायत में किसानों की समस्याओं का समाधान किया गया

Published on: 22-Aug-2023

मेरीखेती द्वारा जनपद मथुरा के अंतर्गत अड्डा-पाली गांव ( सोंख ) में श्रीमान चौधरी बलराम सिंह की अध्यक्षता में आयोजित की गई किसान पंचायत में खेती किसानी से संबंधित कई सारी क्षेत्रीय समस्याओं पर किसान एवं कृषि वैज्ञानिकों के बीच गहनता से संवाद हुआ। किसान संवाद के दौरान विभिन्न वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक, कृषि विशेषज्ञ, कृषि क्षेत्र के उघोगपति एवं किसान मौजूद रहे। अड्डा-पाली गांव व आसपास के क्षेत्रीय किसानों की मुख्यतः दो सबसे बड़ी समस्याऐं थीं। किसानों ने अपनी पहली समस्या वहां सिंचाई हेतु बेहतर जल का अभाव व मृदा उर्वरक क्षमता का कम होना। वहीं किसानों ने दूसरी समस्या कृषि वैज्ञानिकों के सामने रखी कि उनको NANO UREA व NANO DAP के इस्तेमाल की विधि और इससे होने वाले फायदों के बारे में जानकारी का अभाव है। कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों की इन दोनों समस्याओं का समाधान दिया। साथ ही, पशुपालन एवं जैविक खेती से संबंधित अहम पहलुओं पर भी विस्तार से चर्चा हुई। डॉ सी.बी. सिंह प्रिंसिपल साइंटिस्ट (RETD) IARI जी ने किसानों की मृदा व सिंचाई से संबंधित समस्याओं को सुनकर उनका संभव समाधान किसानों के साथ साझा किया। डॉ सी.बी.सिंह ने किसानों को कहा कि खेत को बंजर छोड़ने से भूमिगत मृदा की उर्वरक क्षमता पूर्णतय नष्ट हो जाती है। इस वजह से निरंतर आपको कोई ना कोई फसल अपने खेत में उगानी चाहिए। ऐसा करने से आपके खेत की उर्वरक शक्ति नष्ट नहीं होगी। साथ ही, उन्होंने कहा कि यदि आप अपनी भूमि पर फसल नहीं उगा रहे तो आपको उस जमीन के हिस्से पर पशुपालन इत्यादि करना चाहिए। ये भी देखें: जाने क्या है नैनो डीएपी फर्टिलाइजर और किन फसलों पर किया जा रहा है ट्रायल? चौधरी विजय रावत कृषि विशेषज्ञ जी ने किसान संवाद के दौरान किसानों को खेती में जैविक खादों का इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि अत्यधिक रासायनिक खादों का इस्तेमाल करके किसानों की भूमि की उर्वरक क्षमता कम होती जा रही है। आने वाले समय में इससे किसानों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। जैविक खेती से किसानों को कम खर्च में अधिक स्वास्थपूर्ण खाद्य पदार्थ प्राप्त होंगे। सत्यवीर सिंह एरिया मैनेजर इफको (IFFCO) (मथुरा) जी ने किसानों की नैनो यूरिया व नैनो डीएपी की अनिवार्य खरीद की प्रमुख समस्या का तर्क संगत उत्तर देकर उनकी समस्या का निराकरण किया। सत्यवीर सिंह जी ने किसानों को नैनो यूरिया व नैनो डीएपी के इस्तेमाल की विधियां किसानों को बताई। साथ ही, किसानों को इससे होने वाले लाभ व इसके पीछे सरकार के उद्देश्यों को भी विस्तार पूर्वक किसानों को समझाया। उन्होंने कहा कि किसानों का उर्वरकों के लिए किए जाने वाला यातायात शुल्क कम करना और उर्वरकों की अत्यधिक मात्रा को खेतों में जाने से रोकने के लिए इफको नैनो उर्वरकों को किसानों को खाद की बोरियों के साथ अनिवार्य कर दिया है। ये भी देखें: किसानों के लिए वरदान बनकर आया नैनो लिक्विड यूरिया चौधरी शिवराम सिंह ( ब्रज फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी ) के संस्थापक जी ने किसानों को पारंपरिक कृषि प्रणाली की बजाए आधुनिक एवं बागवानी की तरफ रुख करने की आवश्यकता के विषय में विस्तार से बताया। साथ ही, उन्होंने मेरीखेती की टीम का विशेष आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मेरीखेती किसानों की सच्ची मित्र है। इसकी सहायता से कोई भी किसान अपनी खेती किसानी से जुड़ी किसी भी समस्या का समाधान बड़ी सहजता से प्राप्त कर सकता है। प्रगति सील किसान ऑफिसर नवाब सिंह जी ने भी किसानों को सफल खेती करने के कुछ अनुभव और कुछ गुर किसानों को बताए। उन्होंने किसानों को जैविक ढ़ंग से खेती करने के लिए कहा जिससे कि उन्हें कम लागत में अच्छी फसल प्राप्त हो सकती है। उन्होंने किसानों को फसल के चयन से लेकर फसल की कटाई तक के दौरान होने वाली प्रक्रियाओं को किसानों के साथ विस्तार से साझा किया। मेरीखेती के कंटेंट हैड दिलीप यादव जी ने किसानों को आज के दौर में आधुनिक कृषि तकनीकों को इस्तेमाल करने की जरूरत के विषय में बताया। दिलीप यादव जी ने कहा कि किसान भाइयों के लिए केंद्र व राज्य सरकारें अपने-अपने स्तर से आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाने के लिए अच्छा-खासा अनुदान मुहैय्या कराती हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को सरकार द्वारा दिए जा रहे अनुदान व अन्य हितकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए। साथ ही, उन्होंने कहा कि किसान मेरीखेती वेब पोर्टल पर जाकर खेती किसानी से जुड़ी समस्त योजनाओं एवं फसलों के बारे में सही व सटीक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। किसान पंचायत के दौरान अड्डा-पाली के ग्राम प्रधान वीरपाल चौधरी, चौधरी लक्ष्मण सिंह, चौधरी चंद्रभान सिंह, चौधरी परसादी लाल, कर्मवीर सिंह, राजपाल नंबरदार, मलुआ सेठ, चौधरी देवीराम सिंह, लालाराम नंबरदार, नरेंद्र चौधरी, अवधेश चौधरी, तारा चंद चौधरी, अमित चौधरी, धर्मपाल सिंह, हुब्बलाल, गिर्राज सिंह, लवकेश चौधरी आदि सैकड़ों बड़े जमींदार किसान मौजूद रहे।

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