Published on: 07-Jun-2023
आज हम आपको जैविक खेती करने वाले एक किसान मुनिलाल महतो का कहना है, कि फिलहाल रासायनिक खाद 40 रुपये किलो तक की कीमत पर बिक रहा है। जैविक उर्वरक का भाव मात्र 6 रुपये प्रतिकिलो ही हैं।
कीटनाशकों एवं रासायनिक खादों के इस्तेमाल से मृदा की उर्वरक शक्ति बेहद कमजोर पड़ती जा रही है। इससे खेत बंजर पड़ते जा रहे हैं। ऐसे में एक बार पुनः जैविक उर्वरकों की मांग में वृद्धि हुई है। लोग जैविक खाद के लिए काफी मोटी धनराशि खर्च कर रहे हैं। परंतु, इसके उपरांत भी किसानों को वक्त पर ऑर्गेनिक खाद प्राप्त नहीं हो पा रहा है। अब ऐसी स्थिति में बेगूसराय के मुनिलाल महतो जैविक विधि से खेती करने वाले कृषकों के लिए रोबिनहुड से कम नहीं हैं। वह किसानों को समुचित कीमत पर जैविक विधि से खेती करने वाले कृषकों को ऑर्गेनिक खाद मुहैय्या करा रहे हैं। विशेष बात यह है, कि जैविक खाद हेतु एडवांस में उनके पास आदेश पहुंच जाते हैं।
मुनिलाल महतो अपने इलाके में जैविक मैन के नाम से मशहूर हैं
हिंदी खबरों के मुताबिक, मुनिलाल महतो संपूर्ण इलाके में ‘जैविक मैन’ के नाम से मशहूर हैं। ध्यान देने वाली बात यह है, कि मुनिलाल किसानों को जैविक विधि से खेती करने का प्रशिक्षण भी देते हैं। अब तक वह क्षेत्र के सैकड़ों किसान भाइयों को प्रशिक्षण दे चुके हैं। ऐसे मुनिलाल महतो स्वयं भी जैविक विधि से खेती करते हैं। बतादें, कि साल 2013 से वह पूर्णतया ऑर्गेनिक खेती कर रहे हैं। इससे उनकी आमदनी बढ़ चुकी है।
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जैविक विधि से उत्पादों का बेहतरीन भाव मिल जाता है
आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि जनपद के चेरिया बरियारपुर प्रखंड के गोपालपुर पंचायत के किसान प्रमोद महतो का कहना है, कि मैंने भी उनसे ही प्रेरणा लेकर जैविक खेती करना चालू किया है। इससे मेरी भी आमदनी में इजाफा हुआ था। प्रमोद महतो ने बताया है, कि आज वे वर्मी कंपोस्ट तैयार करने के साथ- साथ फ्लाईश खाद का भी उत्पादन कर रहे हैं। प्रमोद महतो के मुताबिक बाजार में जैविक विधि से पैदा किए गए उत्पाद का काफी अच्छा भाव मिल जाता है। इससे किसान वर्तमान में धीरे- धीरे जैविक खेती की ओर अपना रुख कर रहे हैं।
रासायनिक खाद कितने रुपए प्रति किलो बिक रही है
मुनिलाल महतो के अनुसार, बाजार में फिलहाल रासायनिक खाद 40 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रही है। लेकिन, जैविक उर्वरक का भाव केवल 6 रुपये प्रति किलो ही है। उन्होंने बताया है, कि
रासायनिक खाद के इस्तेमाल से फसलों को 6 बार सिंचाई की आवश्यकता पड़ती है। साथ ही, जैविक विधि से उत्पादित की गई फसलों को मात्र 3 बार ही सिंचाई की आवश्यकता पड़ता है।
जैविक खाद से वर्षभर में कितनी आमदनी की जा सकती है
फिलहाल, मुनिलाल के पास दो गायें हैं। इनके गोबर से वह जैविक खाद बनाते हैं। अपनी 2 एकड़ की जमीन पर वह जैविक खाद का ही इस्तेमाल करते हैं। साथ ही, शेष बचे हुए जैविक खाद की वह बिक्री कर देते हैं, जिससे उनको वर्ष में 60 हजार रुपये की आमदनी होती है। मुख्य बात यह है, कि मुनिलाल कीटनाशक के तौर पर गोमूत्र का इस्तेमाल करते हैं। इससे फसलों को भी किसी प्रकार की हानि नहीं होती है।