नैनो यूरिया, जिसे नैनोस्केल यूरिया या नैनोटेक्नोलॉजी-आधारित यूरिया के रूप में भी जाना जाता है, यूरिया उर्वरक का एक अभिनव रूप है जिसने हाल के वर्षों में महत्वपूर्ण ध्यान आकर्षित किया जा रहा है।
इसमें पारंपरिक यूरिया (दानेदार यूरिया ) की संरचना और गुणों को संशोधित करने के लिए नैनोटेक्नोलॉजी का उपयोग किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप यूरिया की कुशलता में वृद्धि हुई है,
liquid नैनो यूरिया के इस्तेमाल से पारंपरिक यूरिया का पर्यावरण पर बुरा प्रभाव कम होगा है और फसल उत्पादकता में सुधार हुआ है। हमारे इस लेख में आप liquid नैनो यूरिया के गुणों और इसके इस्तेमाल से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी के बारे में जानेंगे।
नैनो यूरिया क्या है?
नैनो यूरिया, यूरिया का ही liquid रूप है , यूरिया एक रासायनिक नाइट्रोजन fertilizer है जिसका रंग सफ़ेद होता है, यह कृत्रिम रूप से पौधों को नाइट्रोजन प्रदान करता है जो पोधो के लिए एक प्रमुख पोषक तत्व है, नैनो यूरिया की 500 ml की बोतल में 40,000 मिलीग्राम प्रति लीटर nitrogen होती है ,
नैनो यूरिया की प्रभावशीलता 85 - 90 % तक हो सकती है जिससे की पौधे को nitrogen की उपलब्ध्ता आसानी से हो जाती है ,
नैनो यूरिया को सीधे पौधे की पत्तियों पर छिड़का जाता है जिसे पौधे द्वारा आसानी से अवशोषित कर लिया जाता है ,नैनो यूरिया को IFFCO – Nano Biotechnology Research Center कलोल गुजरात द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है।
नैनो यूरिया से जुड़े महत्वपूर्ण बिंदु
- भारतीय फार्मर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड ने अगस्त 2021 में देश का पहला लिक्विड नैनो यूरिया संयंत्र चालू किया था।
- लिक्विड नैनो यूरिया का सीधा फसलों की पत्तियों पर छिड़काव किया जाता है , जिससे की पौधे द्वारा आसानी से सोख लिया जाता है।
- नैनो यूरिया की शेल्फ लाइफ एक साल होती है।
- यह किसानों के लिए सस्ता है और किसानों की आय बढ़ाने में भी लाभकारी है।
- IFFCO कंपनी के अनुसार नैनो यूरिया की एक बोतल का प्रभाव, यूरिया की एक बोरी के बराबर होती है , मतलब की 500 ml नैनो यूरिया की बोतल 45 किलोग्राम दानेदार यूरिया के बराबर है।
नैनो यूरिया से होने वाले लाभ
नैनो यूरिया पौधों की जड़ों द्वारा बेहतर संपर्क और अवशोषण को बढ़ावा देता है। इससे पौधे की पोषक तत्व ग्रहण क्षमता में सुधार होता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि फसलों द्वारा अधिक नाइट्रोजन का उपयोग किया जाता है और बर्बादी कम होती है। ये भी पढ़ें: नैनो यूरिया का ड्रोन से गुजरात में परीक्षण
नैनो यूरिया फसलों को नाइट्रोजन की निरंतर आपूर्ति प्रदान करता है, जिसके परिणामस्वरूप पौधों की वृद्धि और उपज में सुधार होता है।
नैनो यूरिया के नियंत्रित उपयोग और बढ़े हुए पोषक तत्व अवशोषण से पर्यावरण में नाइट्रोजन के नुकसान को कम करने में मदद मिलती है।
नैनो यूरिया के इस्तेमाल से जल प्रदूषण कम होता है क्योंकि दानेदार यूरिया पानी के साथ भूमि के निचे चला जाता है जिससे की भूमिगत जल प्रदूषण होता है नैनो यूरिया के इस्तेमाल से नाइट्रस ऑक्साइड जैसी ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन कम होता है,
जो जलवायु परिवर्तन में एक शक्तिशाली योगदानकर्ता है।
नैनो यूरिया के इस्तेमाल से किसानों को उच्च फसल उपज प्राप्त होती है।
इससे न केवल लागत बचती है बल्कि यूरिया की कुल मांग भी कम हो जाती है, जिससे अधिक टिकाऊ कृषि पद्धतियों में योगदान मिलता है।
पारंपरिक यूरिया (दानेदार यूरिया) में क्या कमियाँ है
यूरिया दुनिया भर में सबसे अधिक इस्तेमाल होने वाले उर्वरकों में से एक है। यह पौधों को आवश्यक पोषक तत्व नाइट्रोजन प्रदान करता है, जो पौधों की वृद्धि और विकास के लिए महत्वपूर्ण है। हालाँकि, पारंपरिक यूरिया में कुछ कमियाँ हैं जिन्हें नैनो यूरिया का इस्तेमाल करके दूर किया जा सकता है। ये भी पढ़ें: नैनो डीएपी के व्यवसायिक प्रयोग को मंजूरी, जल्द मिलेगा लाभ
जब पारंपरिक यूरिया को मिट्टी में डाला जाता है, तो यह विभिन्न रासायनिक प्रतिक्रियाओं से गुजरती है जिससे वाष्पीकरण, निक्षालन और विनाइट्रीकरण के माध्यम से नुकसान होता है।
ये नुकसान न केवल उर्वरक की प्रभावशीलता को कम करते हैं बल्कि वायु और जल प्रदूषण जैसे पर्यावरण प्रदूषण में भी योगदान करते हैं।
दानेदार यूरिया फसलों के लिए 30 -40 % ही प्रभावी है जबकि नैनो यूरिया फसलों के लिए 85 - 90 प्रतिशत तक प्रभावी है।
संक्षेप में, नैनो यूरिया कृषि उर्वरकों के क्षेत्र में एक आशाजनक प्रगति की किरण है।
इसके नैनोस्केल गुण बेहतर पोषक तत्व ग्रहण, नियंत्रित रिलीज, कम पर्यावरणीय प्रभाव और कुशल संसाधन उपयोग प्रदान करते हैं।
जैसे-जैसे इस क्षेत्र में अनुसंधान और विकास जारी है, नैनो यूरिया में टिकाऊ कृषि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की क्षमता है, जो उर्वरक उपयोग को कम करते हुए फसल उत्पादकता में वृद्धि में योगदान देता है।