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केंद्र ने अब इफको नैनो जिंक और नैनो कॉपर को भी दी मंजूरी

Published on: 02-May-2024

इफको नैनो यूरिया के उपरांत इफको के दूसरे तरल उर्वरक इफको नैनो यूरिया प्लस को केंद्र सरकार ने तुरंत ही मंजूरी दी थी। 

वहीं, अब केंद्र ने इफको नैनो जिंक (तरल) और इफको नैनो कॉपर (तरल) को भी तीन साल के लिए अधिसूचित कर दिया है। 

नैनो यूरिया के ऊपर चल रहे विवाद के बीच केंद्र सरकार ने इफको (इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड) नैनो जिंक लिक्विड और नैनो कॉपर लिक्विड निर्मित करने की मंजूरी भी दे दी है। 

केंद्र ने यह स्वीकृति तीन वर्ष के लिए फर्टिलाइजर कंट्रोल ऑर्डर 1985 के अंतर्गत दी है। इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी गई है।

पौधों में सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी को दूर करने के लिए फसल पोषण पर दो और नैनो टेक्नोलॉजी आधारित नवीन उत्पाद शीघ्र ही बाजार में आ जाएंगे। 

हालांकि, इफको ने अभी तक इसकी बोतल के आकार, मूल्य, उत्पादन की जगह और वितरण का विवरण जारी नहीं किया है।

ज‍िंक और कॉपर क्यों आवश्यक है ?

जिंक और कॉपर माइक्रोन्यूटिएंट की श्रेणी में आने वाले उर्वरक हैं। मिट्टी में माइक्रो न्यूट्रीएंट का असंतुलन काफी ज्यादा बढ़ गया है। ऐसी स्थिति में यह उर्वरक किसानों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकते हैं। 

जिंक और कॉपर पौधों की उन्नति और विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। पौधों में ज‍िंक की कमी विश्व स्तर पर विशेष चिंताओं में से एक है। इसी तरह पौधों में कई एंजाइमी गतिविधियों और क्लोरोफिल और बीज उत्पादन के लिए कॉपर की जरूरत होती है।

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इफको के प्रबंध निदेशक डॉ. उदय शंकर अवस्थी ने एक ट्वीट कर इस बात की जानकारी साझा की है। इस अधिसूचना के पश्चात फिलहाल नैनो टैक्नोलॉजी पर आधारित इफको के चार तरल उर्वरक उत्पाद किसानों को उपलब्ध हो सकेंगे।

इफको नैनो यूरिया के पश्चात इफको के दूसरे तरल उर्वरक इफको नैनो यूरिया प्लस को सरकार ने अधिसूचित किया था। अब इफको नैनो जिंक (तरल) और इफको नैनो कॉपर (तरल) को तीन साल के लिए अधिसूचित किया गया है। 

पौधों के विकास में काफी मदद मिलेगी

डॉ. अवस्थी ने अपने दिए गए एक बयान में कहा है, कि जिंक के अभाव की वजह से पौधों के विकास में गिरावट आती है। वहीं, कॉपर की कमी की वजह से पौधों में बीमारी लगने की संभावना काफी बढ़ जाती है। 

यह दो उत्पाद फसलों में जिंक और कॉपर की कमी को दूर कर सकते हैं। माइक्रो न्यूट्रीएंट की कमी कुपोषण का एक बड़ा कारण है। उन्होंने इन उर्वरकों के अधिसूचित होने को इफको की टीम के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताया है। 

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