Ad

प्याज और टमाटर के उत्पादन में 5% कमी और बागवानी में 10 गुना बढ़ोत्तरी, सरकारी आंकड़ा जारी

Published on: 31-Oct-2022

भारत में केंद्रीय कृषि मंत्रालय के द्वारा हर साल अग्रिम अनुमान जारी किया जाता है, जिसमें फसलों में हो रहे वृद्धि या गिरावट के बारे में बताया जाता है। बता दे कि केंद्रीय कृषि एवं कल्याण मंत्रालय के द्वारा साल 2021-22 के लिए भी तीसरा अग्रिम अनुमान जारी कर दिया गया है, जिसमें बागवानी, दलहन, तिलहन एवं खाद्यान्न कृषि उत्पादन का आंकड़ा जारी किया गया है।

इस अनुमान के मुताबिक टमाटर का उत्पादन लगभग 5 फीसदी तक कम हुआ है, वहीं आपको बता दें कि पिछले साल टमाटर का पैदावार लगभग सवा दो करोड़ टन थी, वहीं इस साल दो करोड़ के आसपास में ही रह गई। केंद्रीय कृषि मंत्रालय के द्वारा जारी इस अग्रिम अनुमान के अनुसार सिर्फ टमाटर ही नहीं बल्कि कई अन्य फसलों में काफी गिरावट हुई है, जिसका मुख्य कारण मौसम में बदलाव बताया जा रहा है। बताया जा रहा है कि इस साल होने वाले आलू के उत्पादन में लगभग 5% की कमी रहने की उम्मीद है। यह उम्मीद मौसम में हो रहे बदलाव के कारण जताया जा रहा है, पिछले साल के आंकड़े के अनुसार आलू का उत्पादन 5 करोड़ 61.7 लाख टन था। वहीं इस साल आलू का उत्पादन 5 करोड़ 33.9 लाख टन के आसपास ही रहेगा, इस जारी तीसरा अग्रिम अनुमान में बताया जा रहा है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इस बार धान दलहन और तिलहन के उपज के रंगों में काफी वृद्धि हुई है, वही टमाटर फल व आलू के उत्पादन में लगभग 4 से 5% का गिरावट आया है।

"कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय/विभाग, भारत सरकार द्वारा जारी वर्ष 2021-22 के लिए बागवानी फसलों के क्षेत्र और उत्पादन का तीसरा अग्रिम अनुमान" से सम्बंधित सरकारी प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) रिलीज़ का दस्तावेज पढ़ने या पीडीऍफ़ डाउनलोड के लिए, यहां क्लिक करें.

प्याज के उत्पादन में होगा बढ़ोतरी

2021-22 के आंकड़ों के अनुसार मौसम में बदलाव के कारण प्याज का उत्पादन काफी प्रभावित रहेगा, इसके बावजूद भी प्याज के उत्पादन में पिछले बार की तुलना में इस बार काफी बढ़ोत्तरी का अनुमान लगाया जा रहा है। इससे यह जाहिर होता है कि पिछले साल प्याज का उत्पादन काफी कम रहा है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा जारी तीसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार इस बार प्याज का उत्पादन लगभग तीन करोड़ 12.7 लाख टन की संभावना है, वहीं पिछले साल देखा जाए तो प्याज का उत्पादन लगभग दो करोड़ 66.4 लाख टन था।

ये भी पढ़ें: हरित क्रांति के बाद भारत बना दुनियां का दूसरा सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक

गेहूं के उत्पादन से देश पर कोई प्रभाव नहीं

कृषि मंत्रालय के द्वारा जारी इस अग्रिम अनुमान में अभी देखा जा रहा है कि प्रमुख फसलों के अलावा इस बार बागवानी वाले फसल में काफी बढ़ोत्तरी देखने को मिलेगी। बता दें कि आंकड़ों के मुताबिक इस साल प्रमुख खाद्यान्न में जैसे गेहूं के उत्पादन को लेकर कुछ पूर्वानुमान खास अच्छा नहीं लगाया जा रहा है, संभावना है कि पिछले साल की तुलना में इस साल गेहूं का उत्पादन 31 लाख टन कम होकर 10.64 करोड़ टन रहने की संभावना है। लेकिन हैरान करने वाली बात यह है, कुल खाद्यान्न उत्पादन की बात करें तो वह पिछले साल के मुताबिक 37.7 लाख टन ज्यादा है। आपको बता दें कि इस जारी अग्रिम अनुमान में 31.45 करोड़ टन खाद्यान्न उत्पादन का पूर्वानुमान है, आपको यह भी बता दें कि इतना उत्पादन के साथ भी गेहूं का स्टॉक देश में अच्छा है, इससे कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

ये भी पढ़ें: बागवानी की तरफ बढ़ रहा है किसानों का रुझान, जानिये क्यों?

टॉप पर फल एवम् सब्जी की खेती

देशभर में सरकार बागवानी फसल की खेती को बढ़ावा देने में काफी तत्पर दिख रहा है, जिसका परिणाम भी दिखना शुरू हो गया है। सरकार की तत्परता के साथ-साथ किसानों की तत्परता भी सब्जी की खेती की तरफ काफी बढ़ी है, जिसके कारण इस साल जारी तीसरे अग्रिम अनुमान में सब्जियों का उत्पादन 20 करोड़ 38.4 टन रहने का अनुमान है। यह पिछले साल दो करोड़ 4.5 लाख तक ही सीमित था। पूरा हिसाब देखा जाए तो सब्जी की खेती में लगभग 10 गुना ज्यादा बढ़ोतरी देखने को मिलेगा, जिसके लिए सरकार और किसान दोनों को धन्यवाद देना होगा। गौरतलब हो कि सब्जी की खेती के लिए सरकार भी काफी सब्सिडी एवं ऋण व्यवस्था की हुई है। इस अग्रिम अनुमान में यह भी देखा जा रहा है कि पिछले साल फलों का उत्पादन के मुताबिक इस साल 10 करोड़ 72.4 लाख तक बढ़ने का पूर्वानुमान है। जानकारी के अनुसार पिछले साल फलों का उत्पादन 10 करोड़ 24.8 लाख दर्ज किया गया था।

Ad