देश के ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन का चलन तेजी से बढ़ता जा रहा है। इसका प्रमुख कारण बाजार में पशु उत्पादों की बढ़ती हुई मांग है। इन दिनों देश में बढ़ती हुई जनसंख्या के साथ डेयरी उत्पादों की मांग में तेजी से वृद्धि हुई है। इसलिए खेती किसानी पर आधारित ग्रामीण अर्थव्यवस्था अब पशुपालन को भी एक अन्य व्यवसाय की तरह देख रही है। जिससे ग्रामीण लोगों को जबरदस्त फायदा हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन की तरफ बढ़ रहे रुझान को देखते हुए अब केंद्र तथा राज्य सरकारें भी पशुपालन को प्रमोट कर रही हैं। इसके तहत किसानों को पशुपालन के लिए आर्थिक मदद दी जाती है ताकि गांव के लोग बिना किसी परेशानी के अपना पशुपालन का व्यवसाय आगे बढ़ा सकें। अब इसी कड़ी में मध्य प्रदेश की सरकार ने ग्रामीण पशुपालकों की मदद करने के लिए एक और निर्णय लिया है। अब मध्य प्रदेश सरकार राज्य में गाय-भैंसों के अलावा अन्य पशुओं के लिए एंबुलेंस चलाएगी जिससे राज्य के पशुओं को घर बैठे इलाज मिल पाएगा। अब बीमार पशुओं को लेकर किसानों या पशुपालकों को पशु अस्पताल नहीं जाना पड़ेगा। मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से चलाई गई इस एंबुलेंस में पशु चिकित्सकों के साथ कंपाउंडरों की टीम भी मौजूद रहेगी। जो घर पर पहुंचकर पशुओं के लिए स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करेगी। यह एंबुलेंस प्रदेश के सभी ब्लॉक में चलाई जाएंगी। जिसके लिए मध्य प्रदेश की सरकार ने 407 एंबुलेंस खरीदी थीं और उन्हें ब्लॉक स्तर पर स्थित पशु चिकित्सालयों को दे दी गई हैं। यदि किसी किसान या पशुपालक का जानवर बीमार हो जाता है तो वह टोल फ्री नंबर 1962 पर कॉल करके अपने घर पर एंबुलेंस को बुला सकता है। कॉल करने के कुछ देर बाद ही चिकित्सकों और कंपाउंडरों सहित पशु एंबुलेंस किसान या पशुपालक के घर पर पहुंच जाएगी। साथ बिना समय गंवाए जल्द से जल्द पशु का इलाज किया जा सकेगा। ये भी पढ़े: पशुओं में मुँहपका व खुरपका रोग के लक्षण व उपचार मध्य प्रदेश सरकार के अधिकारियों ने बताया है कि हर एंबुलेंस को प्रति माह दवाइयों के लिए 35 हजार रुपये तथा डीजल के लिए 33 हजार रुपये दिए जाएंगे। एंबुलेंस के माध्यम से जिन पशुओं का इलाज किया जाएगा, वह पूरी तरह से निशुल्क होगा। एंबुलेंस सेवा उन पशुओं के लिए एक राहत भरा कदम है जो एक्सीडेंट होने या बीमार होने के कारण पशु अस्पताल नहीं पहुंच पाते और असमय ही दम तोड़ देते हैं। अब ऐसे पशुओं को समय पर बेहतर इलाज मिल पाएगा, जिससे किसानों एवं पशुपालकों को पशु हानि नहीं होगी। इसके पहले इसी तरह की योजना उत्तर प्रदेश में भी लागू की जा चुकी है। हाल ही में केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश को 502 पशु एंबुलेंस दिए थे। उत्तर प्रदेश में भी टोल फ्री नंबर 1962 पर कॉल करके किसान भाई एवं पशुपालक इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। मध्य प्रदेश की तरह उत्तर प्रदेश में भी पशु चिकित्सकों की टीम एंबुलेंस में बैठकर घर-घर पशुओं का इलाज करने जाएगी। इस सुविधा के चालू हो जाने के बाद गंभीर रूप से बीमार पशु समय रहते पशु अस्पताल भेजे जा सकेंगे। जिससे दुधारू पशुओं की जान बचाई जा सकेगी। आंध्र प्रदेश की सरकार ने पशुओं के लिए इस तरह की योजना साल 2022 में ही शुरू कर दी थी। तब आंध्र प्रदेश की जगन मोहन रेड्डी सरकार ने पशु एंबुलेंस खरीदने के लिए 143 करोड़ रुपये की भारी भरकम रकम खर्च की थी। जिसके परिणामस्वरूप राज्य को 175 पशु एंबुलेंस मिली थीं। जिनका आज भी पशुओं के इलाज के लिए उपयोग हो रहा है और बीमार पशुओं की जान बचाई जा रही है।