महिला किसान गेंदे की खेती से कर रही अच्छी-खासी आमदनी

Published on: 12-May-2023

आजकल बदलते दौर में किसान अपना रुख परंपरागत खेती से हटकर अधिक मुनाफा देने वाली फसलों की खेती करने लगे हैं। इसी कड़ी में झारखंड राज्य के पलामू जनपद की रहने वाली एक महिला किसान गेंदे के फूल की खेती से अमीर हो गई है। फिलहाल, आसपास की महिलाएं और पुरूष भी उससे गेंदे की खेती करने के गुर सीख रहे हैं।

गेंदे के फूल का इस्तेमाल बहुत सारी जगहों पर किया जाता है

हालाँकि, भारत में सभी प्रकार के फूल उत्पादित किए जाते हैं। परंतु, गेंदा की खेती सर्वाधिक की जाती है। क्योंकि इसका इस्तेमाल भी सर्वाधिक होता है। बतादें कि इसका उपयोग मंच और घर को सजाने से लेकर पूजा- पाठ में सबसे ज्यादा किया जाता है। सिर्फ इतना ही नहीं नेताओं के स्वागत में सबसे अधिक गेंदे की माला ही गले में ड़ाली जाती है। साथ ही, मंदिर और घर के तोरण द्वार भी गेंदे से ही निर्मित किए जाते हैं। ऐसे में किसान गेंदे की खेती कर बेहतर आय कर सकते हैं। आज हम आपको एक ऐसी ही महिला किसान की कहानी बताने जा रहे हैं, जिसकी किस्मत गेंदे के फूल की खेती से बिल्कुल बदल गई। न्यूज 18 हिन्दी की रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड के पलामू जनपद की रहने वाली एक महिला गेंदे के फूल की खेती कर के मालामाल हो गई है।

आसपास की महिलाऐं और पुरुष मुन्नी से गेंदे की खेती सीखने आते हैं

अब समीपवर्ती महिलाएं और पुरूष भी उससे गेंदे की खेती करने का तौर तरीका सीखने आ रहे हैं। विशेष बात यह है, कि उसने अपने मायके में गेंदे की खेती करने की तकनीक सीखी थी। शादी होने के बाद जब वह अपने ससुराल आई तो स्वयं ही उसने गेंदे के फूल की खेती करनी चालू कर दी। महिला का नाम मुन्नी देवी है। वह पांडू प्रखंड के तिसीबार गांव की रहने वाली है। हाल में वह लगभग 10 एकड़ की भूमि पर गेंदे की खेती कर रही है। ये भी पढ़े: इस फूल की खेती कर किसान हो सकते हैं करोड़पति, इस रोग से लड़ने में भी सहायक

गेंदे के फूल की एक माला की कितनी कीमत है

मुन्नी देवी का कहना है, कि ससुराल आने के उपरांत उन्होंने वर्ष 2019 में गेंदे की खेती आरंभ की थी। प्रथम वर्ष ही उनको काफी अच्छा फायदा हुआ था। इसके उपरांत वह खेती के रकबे में इजाफा करती गईं, जिससे उनका मुनाफा भी बढ़ता गया। मुख्य बात यह है, कि मुन्नी देवी खेती करने के लिए प्रतिवर्ष कलकत्ता से गेंदे के पौधों को मंगवाती हैं। उसके बाद पौधों को लगाकर उनमें वक्त पर उर्वरक और सिंचाई करती हैं। तीन माह में पौधों में गेंदे के फूल आने शुरू हो जाते हैं। इसके उपरांत वह माला बनाकर बेच देती हैं। केवल एक माला 15 रुपये में बेची जाती है, जिसके अंतर्गत गेंदे के 40 फूल गुथे रहते हैं।

मुन्नी वर्षभर में लाखों रुपये की आमदनी कर रही है

सालाना आमदनी को लेकर मुन्नी देवी ने कहा है, कि वर्ष में वह दो बार गेंदे की खेती करती हैं। जनवरी के माह में लगाए गए पौधों में तीन माह के अंतर्गत फूल आ जाते हैं। क्योंकि, अप्रैल से लेकर जून तक शादियों का सीजन चलता है। ऐसे में गेंदे की बिक्री बड़ी ही सुगमता से हो जाती है। उसके बाद अगस्त और सितंबर माह में गेंदे के पौधों का रोपण किया जाता है। सर्दियों के मौसम में यह फूलों से लद जाते हैं। इसके चलते पौधों में बड़े- बड़े आकार के सुगंधित गेंदे के फूल आते हैं। फिलहाल, मुन्नी देवी गेंदे की खेती से वर्षभर में लाखों रुपये की आमदनी कर रही हैं।

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