Published on: 15-Jun-2022
नई दिल्ली।
अब खेती में भी आधुनिकीकरण के साथ-साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, नई तकनीक और नई किस्म इस्तेमाल में लाई जा रहीं हैं। किसान भी अब परंपरागत खेती को छोड़कर स्मार्ट फार्मिंग पर ज्यादा फोकस कर रहे हैं। भारत में भी कृषि-विस्तार तेजी से चल रहा है।
अब जल्दी ही भारत में एशिया की सबसे बड़ी कृषि मंडी शुरू होने जा रही है। जिससे देश के 15 से ज्यादा राज्यों के किसानों को सीधा फायदा मिलेगा।
देश में अब तक बड़े पैमाने पर खेती की जाती रही है। बाजार में भाव ज्यादा अच्छा नहीं मिल सका है। लेकिन अब सरकार ने किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए एशिया का सबसे बड़ा बाजार अपने ही देश मे तैयार कर दिया है।
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एशिया की सबसे बड़ी कृषि मंडी हरियाणा के गन्नौर में बनने जा रही है। जिसमें किसानों को बहुत ही जल्द फल-फूल, सब्जी और अनाजों का एकल बाजार मुहैया कराया जाएगा। इस पहल से देश के 15 से ज्यादा राज्यों के करोड़ों किसान बिना किसी तनाव के अपनी उपज बेचकर अच्छी बचत कर सकेंगे।
कब होगी एशिया की सबसे बड़ी कृषि मंडी की शुरुआत ?
- माना जा रहा है कि
साल 2022 के सितंबर माह में एशिया की सबसे बड़ी कृषि मंडी की शुरुआत होने जा रही है। सरकार और प्रशासन की ओर से कृषि मंडी की लगभग सभी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं।
कृषि मंडी बनाने में कितनी लागत आई है ?
- हरियाणा में बनने वाली एशिया की सबसे बड़ी कृषि मंडी में करीब 8 हजार करोड़ की लागत आई है। मंडी में मुख्यरूप से बागवानी फसलें जैसे फल-फूल, सब्जियों के साथ-साथ डेयरी उत्पादों को बड़ी मात्रा में खरीदा व बेचा जाएगा।
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कृषि मंडी के प्रमुख उद्देश्य
1- इस कृषि बााजार को सप्लाई चेन, कोल्ड स्टोरेज, वेयर हाउस, रेल परिवहन और ऑनलाइन मार्केटिंग की सुविधाओं से भी जोड़ा जायेगा।
2- बाजार के अंदर ही किसानों और मंडी में काम करने वाले लोगों के लिये ठहरने, लोडिंग वाहनों की पार्किंग, व्यापारियों के लिये सुविधाजनक दुकानें और रेफ्रिजरेटर गाड़ियों का प्रबंधन भी होगा।
3- इस मंडी में अंतर्राष्ट्रीय बाजार मानकों के अनुसार निर्यात के लिये भी कृषि जिंसों की खरीद-बिक्री की जायेगी।
4- करोड़ टन की क्षमता वाली इस मंडी में फल, फूल, सब्जियां, अनाज, डेयरी प्रॉडक्ट्स का व्यापार किया जा सकेगा.
इस कृषि बाजार में मछलियों के लिए अलग से एयर कंडिशनिंग बाजार बनाया जायेगा
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लोकेन्द्र नरवार