वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लगातार सातवीं बार अपना बजट पेश किया है, वित्त मंत्री निर्मला सीतरमण ने 2024-25 का पूरा बजट लोकसभा में पेश किया।
पिछले तीन वर्षों की तरह, इस बार का बजट पूरी तरह से बिना पेपर के पेश हुआ। मंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र में उत्पादकता और लचीलापन बढ़ाने के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
उनका दावा था कि कृषि क्षेत्र का बजट बढ़ाकर 1.52 लाख करोड़ रुपये हो गया है। कृषि बजट 2024 में कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ की गई हैं जो किसानों और कृषि क्षेत्र को लाभ पहुँचाने के लिए की गई हैं:
1. ई-नाम (e-NAM) : इलेक्ट्रॉनिक नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट (e-NAM) के माध्यम से 1361 मंडियों को एकीकृत किया गया है, जिससे 1.8 करोड़ किसानों को बाजार की सुविधा प्राप्त हो रही है और अब तक 3 लाख करोड़ रुपए का कारोबार हो चुका है। अगले 2 वर्षों में 1 करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती में मदद की जाएगी।
2. मत्स्य संपदा योजना : इस योजना के तहत मछुआरों को सहायता दी जा रही है और इससे सीफूड का निर्यात दोगुना हो गया है। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।
3. खाद्य प्रसंस्करण: प्रधानमंत्री संपदा योजना के तहत 38 लाख किसानों को लाभ मिला है और 10 लाख नए रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं। खाद्य प्रसंस्करण और भंडारण के लिए निजी और सार्वजनिक निवेश को बढ़ावा देने की योजना है।
4. आत्मनिर्भर तिलहन अभियान: तिलहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए नई रणनीति बनाई जा रही है, जिसमें सरसों, मूंगफली, तिल, सोयाबीन और सूरजमुखी जैसे तिलहनों पर ध्यान दिया जाएगा।
5. पीएम किसान सम्मान योजना: इस योजना के तहत 11.8 करोड़ किसानों को सीधे वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। यह योजना किसानों को आर्थिक मदद देने के लिए महत्वपूर्ण है।
6. नैनो डीएपी: नैनो यूरिया की सफलता के बाद अब नैनो डीएपी को भी सभी कृषि-जलवायु क्षेत्रों में विभिन्न फसलों पर लागू किया जाएगा। यह कदम किसानों को उर्वरक उपयोग में अधिक प्रभावी और किफायती बनाने के लिए है।
कृषि बजट 2024 में इन योजनाओं और घोषणाओं के माध्यम से सरकार का उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना, कृषि उत्पादकता में सुधार करना और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाना है।