अक्टूबर माह के समाप्त विपणन वर्ष 2021-22 में भारत में खाद्य तेलों का आयात इससे पूर्व वर्ष के 131.3 लाख टन से ज्यादा 140.3 लाख टन हो गया। मूल्य के लिहाज से, खाद्य तेलों का आयात साल 2021-22 में 34 फीसद वृद्धि लगभग 1.57 लाख करोड़ रुपये की रही है। बतादें, कि कच्चे पामतेल (सीपीओ) एवं शुद्ध पाम तेल के आयात में तीव्र वृद्धि की वजह से भारत का खाद्य तेल आयात नवंबर में ३४ फीसद बढ़कर 15.29 लाख टन तक हो गया है। उद्योग संगठन एसईए द्वारा सूचित किया गया है, कि सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) द्वारा बुधवार को तेल विपणन साल 2022-23 के प्रथम माह नवंबर हेतु खाद्य तेल एवं गैर-खाद्य तेल समेत कुल वनस्पति तेलों के आयात के आंकड़े लागू किए गये हैं। आंकड़ों के अनुसार, नवंबर 2022 में वनस्पति तेलों का आयात 32 प्रतिशत बढ़कर 15,45,540 टन हो गया, जो पिछले साल इसी महीने में 11,73,747 टन था।
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एसईए ने बताया है, कि कुल वनस्पति तेल के आयात में से खाद्य तेलों की भागीदारी इस वर्ष नवंबर में वृद्धि कर 15,28,760 टन हो गया, जो कि 2021 के इसी माह में 11,38,823 टन था। अखाद्य तेलों का आयात नवंबर में 52 फीसद घटकर 16,780 टन रह गया, जो एक वर्ष पूर्व के समय में 34,924 टन था। एसईए द्वारा बताया गया है, कि इसके अतिरिक्त खाद्य तेलों के अंतर्गत कच्चे पाम तेल (सीपीओ) का आयात एक माह में सर्वाधिक रहा है। भारत ने माह नवंबर, 2022 में रिकॉर्ड 9,31,180 टन सीपीओ का आयात किया गया है,हालाँकि यह एक वर्ष पूर्व के समान अवधि में यह 4,77,160 टन रहा था। सीपीओ आयात का अधिकतम स्तर अक्टूबर, 2015 में 8,78,137 टन का था।
आरबीडी (रिफाइंड) पामोलिन का आयात नवंबर माह में वृद्धि होकर 2,02,248 टन हो गया, जो कि पूर्व के वर्ष में इसी माह में 58,267 टन था। सूरजमुखी तेल का आयात भी 1,25,024 टन से बढ़कर 1,57,709 टन हो गया था। दरअसल, कच्चे सोयाबीन तेल का आयात नवंबर माह, 2021 के 4,74,160 टन से कम होकर माह में 2,29,373 टन पर आ गया।
एसईए ने आरबीडी पामोलिन के अत्यधिक आयात पर चिंता जाहिर की है, क्योंकि यह घरेलू रिफाइनरी उघोगों को प्रभावित कर रहा है। एसोसिएशन ने बताया, सीपीओ (5 %) एवं रिफाइंड तेल (12.5 %) के मध्य 7.5 प्रतिशत का स्थायित्व आयात शुल्क अंतर सीपीओ के विपरीत हमारे देश में रिफाइंड पामोलिन के आयात को बढ़ावा देता है। साथ ही, उनका कहना है, कि यह बोलने की जरुरत नहीं है, कि निर्धारित माल का यह आयात राष्ट्रीय हितों के प्रतिकूल है एवं घरेलू पाम रिफाइनिंग उद्योग की सामर्ध्य एवं क्षमता उपयोग को बुरी तरह से प्रभावित कर रहा है।
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अक्टूबर में समापन विपणन वर्ष 2021-22 में भारत के खाद्य तेलों का आयात इससे पूर्व वर्ष में 131.3 लाख टन से वृध्दि होने से 140.3 लाख टन हो गया है। कीमत के हिसाब से, खाद्य तेलों का आयात साल 2021-22 में 34 फीसद से बढ़ करीब 1.57 लाख करोड़ रुपये का रहा है। जो कि वर्ष 2020-21 में 1.17 लाख करोड़ रुपये का हुआ था। भारत अपनी घरेलू मांग का करीब 60 फीसद आयात करता है। भारत द्वारा मलेशिया थाइलैंड एवं इंडोनेशिया से पाम तेल का आयात किया जाता है। सोयाबीन का तेल ब्राजील एवं अर्जेंटीना से आता है, हालाँकि सूरजमुखी का तेल यूक्रेन एवं रूस से आता है।