AI का कृषि क्षेत्र में उपयोग एक क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकता है, जिसके माध्यम से किसान कम वक्त में अपनी आमदनी को दोगुना कर सकते हैं। बदलते दौर में बाकी चीजों के साथ-साथ खेती में भी काफी परिवर्तन हुए हैं।
खेती से जुड़े कार्यों को बड़ी ही सुगमता से कम समय में पूरा करने के लिए वर्तमान में आर्टीफीशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) की सहायता ली जा रही है। इससे समय की काफी बचत तो होती ही है।
साथ ही किसान कम टाइम में ज्यादा आय कर सकते हैं। मौसम का वक्त से पहले अनुमान लगाने से लेकर पेड़ पौधों को कब खाद-पानी की जरूरत है। इसकी जानकारी भी AI के जरिए मिल रही हैं। साथ ही, ड्रोन की मदद से फसलों पर कीटनाशक का छिड़काव किया जा रहा है।
AI में काफी ज्यादा अहम है मशीन लर्निंग इससे खेती में शानदार लाभ प्राप्त हो सकता है। मशीन लर्निंग एल्गोरिद्म के माध्यम से फसल उत्पादन, कीटनाशक, रोग प्रबंधन और कृषि से संबंधित अन्य बातों पर भी काम किया जा सकता है।
एआई (AI) की मदद से डाटा एनालिसिस का काम किया जाता है। कृषि के क्षेत्र में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके अंतर्गत मृदा से लेकर मौसम तक की विभिन्न जानकारी मिल जाती हैं।
आर्टीफीशियल इंटेलिजेंस की सहायता से खेती के बहुत सारे कार्यों को ऑटोमेटिक ढ़ंग से किया जा सकता है। इससे उत्पादन को बढ़ाने में सहायता मिलेगी और काम भी काफी तेजी से संपन्न होगा।
मशीनों में विभिन्न प्रकार के सेंसर व उपकरणों की सहायता ली जा सकती है। इन सेंसर्स के माध्यम से खेती में सिंचाई, खाद व कीटनाशक का उपयोग ऑटोमेटिक रूप से हो सकता है।
एआई (AI) के माध्यम से अधिकांश मशीनें ऑटोमेटिक हो जाऐंगी तो आप खेत में अपना वक्त और लेबर दोनों बचा सकते हैं। इससे उत्पादन के साथ-साथ मुनाफा भी काफी बढ़ जाऐगा।
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आर्टीफीशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) कृषि कार्य में किसान को सबसे ज्यादा डर रोगों का रहता है। जिससे बचाव के लिए किसान एआई की सहायता ले सकते हैं।
एआई (AI) किसानों को बाजार की मांग और मूल्य निर्धारण के रुझानों का विश्लेषण करने में सहयोग करता है। ये जानकारी किसानों को अपनी फसलों के लिए बेहतर मूल्य प्राप्त करने में सहायता करती है।