काले गेहूँ की खेती भी आमतौर पर बोये जानें वाले सामान्य गेहूँ की तरह ही की जाति है। काले गेहूँ की खेती मुख्यत: उत्तर प्रदेश ,राजस्थान ,पंजाब ,हरियाणा और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में की जाती है। बाजार में इसकी कीमत 7000 -8000 रुपए प्रति क्विंटल रहती है। किसान ज्यादातर पारम्परिक खेती की और ध्यान देते है। लेकिन इसी बीच किसानो द्वारा काले गेहूँ की बुवाई पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है , क्योंकि किसान काले गेहूँ की खेती से अच्छे मुनाफा कमा सकता है।
सामान्य गेहूँ की तुलना में काले गेहूँ में 60% अधिक लोह पाया गया है। साथ ही इसमें एंथोसायनिन की अधिक मात्रा पायी जाती है , जिसकी वजह से इस गेहूँ का रंग काला होता है। काला गेहूँ स्वास्थ्य के लिए भी बेहद लाभकारी माना जाता है। काला गेहूँ , गेहूँ की एक ऐसी किस्म है जो पोषक तत्वों के साथ साथ खनिजों से भी भरपूर है।
काला गेहूँ साबुत अनाज की जगह एक प्रकार के बीज होते है ,जिसका उपयोग भोजन के रूप में किया जाता है। काले गेहूँ की मुख्य खासियत यह है , यह सामान्य गेहूँ की तरह घास पर नहीं उगता है। यह सामान्य कोशिकाओं वाले किनोआ के समूह में सम्मिलित है। काला गेहूँ ब्लैक वॉट एथोसायनिन से भरपूर माना जाता है।
काले गेहूँ में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबायोटिक गुण पाए जाते है , जो स्वास्थ्य के लिए पौष्टिक माने जाते है। काले गेहूँ की खेती सामान्य गेहूँ की खेती के जैसे ही की जाती है ,लेकिन बाद में बालियां का रंग पकने पर काला पड जाता है। काले गेहूँ का आटा पिसने पर लगभग चने के सत्तू की तरह दिखाई पड़ता है। इसका उपयोग मैदे के स्थान पर भी किया जा रहा है , साथ ही इससे बहुत से बिस्कुट आदि भी बनाये जा रहे है। इसी कारण बाजार में इसकी मांग दिन प्रतिदिन बढ़ रही है। यह शरीर को बहुत सी बीमारियों से बचाता है और स्वास्थ्य को भी स्वस्थ रखता है।
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काला गेहूँ सामान्य गेहूँ की तुलना में महंगा होता है। इसका बाजार भाव भी सफ़ेद गेहूँ की तुलना में अधिक है। काले गेहूँ का बाजार भाव 7000 - 8000 रुपए प्रति क्विंटल है। यह गेहूँ की किस्म किसानों के लिए ज्यादा फायदेमंद साबित हुई है। इसकी खेती से किसान ज्यादा मुनाफा कमा सकते है। बड़े शहरों में काले गेहूँ की कीमत 10 -12 हजार रुपए प्रति क्विंटल है।
काले गेहूँ में कुदरती बहुत से ऐसे तत्व पाए जाते है , जो स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद साबित होते है। काले गेहूँ के अंदर शुगर की मात्रा बहुत कम पायी जाती है , इस गेहूँ का सेवन मधुमेह के रोगी भी कर सकते है। साथ ही ये मानसिक तनाव और अन्य बीमारियों में भी राहत प्रदान करता है।
काले गेहूँ का ज्यादातर सेवन दिल के रोगियों द्वारा किया जाता है , क्योंकि इसमें अधिक मात्रा में मैग्नेसियम पाया जाता है जो कैलेस्ट्रोल को कम करता है। कैलेस्ट्रोल के ज्यादा बढ़ने पर दिल से जुडी बहुत से बीमारियां हो सकती है , जैसे दिल के दोहरे पड़ना , हार्ट अटैक होना आदि सभी परेशानियों से दूर रहने के लिए हम काले गेहूँ का उपयोग कर सकते है। काला गेहूँ शरीर के अंदर कैलेस्ट्रोल का सामान्य स्तर बनाये रखता है।
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काले गेहूँ का उपयोग कब्ज से राहत पाने के लिए भी किया जाता है। यह पाचन किर्या को स्वस्थ बनाये रखता है और शरीर में बनने वाली गैस और कब्ज को दूर रखता है। जिन लोगों को पेट से जुडी कोई भी परेशानी है वो काले गेहूँ का सेवन कर सकते है , इन रोगों में गेहूँ फायदेमंद साबित होता है। काले गेहूँ का रोजाना सेवन से शरीर को पर्याप्त मात्रा में फाइबर मिलता है।
काले गेहूँ में प्रचुर मात्रा में फाइबर , मैग्नीशियम और अन्य पोषक तत्व पाए जाते है। काले गेहूँ की रोटी का रोजाना सेवन करें। काला गेहूँ शरीर के अंदर होने वाली रक्त की कमी को दूर करता है। साथ ही ये शरीर में ऑक्सीजन के स्तर को भी संतुलित बनाये रखता है।
शोध के अनुसार सामने आया है, कि काला गेहूँ तनाव जैसी समस्याओं को दूर करने में अपनी सकारात्मक भूमिका निभाता है। यह तनाव जैसे भयानक बीमारी को दूर करने में सहायक है। काले गेहूँ का सेवन मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहतर और उपयोगी बताया गया है।
काले गेहूँ की खेती बहुत ही फायदेमंद और लाभकारी साबित हुई है, इसकी बुवाई के लिए किसानो में होड़ लगी हुई है। किसान उच्च दामों पर भी काले गेहूँ के बीज को खरीदने के लिए तैयार है। क्योंकि किसान काले गेहूँ का उत्पादन कर ज्यादा मुनाफा कमा रहे है। काले गेहूँ का उपयोग बहुत सी बीमारियों में छुटकारा पाने के लिए भी किया जा रहा है, जैसे नेत्र रोग, मोटापा साथ ही इसका उपयोग कैंसर जैसी बीमारियों में राहत पाने के लिए किया जा रहा है।