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फसलों में पोषक तत्वों की कमी की जाँच करने का तरीका

Published on: 19-Nov-2023

खेती किसानी के दौरान बहुत बार किसानों की फसलें तबाह हो जाती हैं। साथ ही, उत्पादन कम हो जाता है अथवा कई रोग व कीट लग जाते हैं। साथ ही, फसलों में होने वाली इन दिक्कतों के पीछे की एक बड़ी वजह उसमें उपस्थित पोषक तत्वों की कमी भी हो सकती है। इसलिए आज हम आपको इस लेख में फसल के लिए आवश्यक कुछ ऐसे ही पोषक तत्वों के विषय में बताएंगे, जिन पर पौधों की उन्नति व विकास निर्भर करता है। आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि जिस प्रकार से एक मानव शरीर को पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। उसी प्रकार से पौधों को भी अपने विकास के लिए विभिन्न पोषक तत्वों की जरूरत होती है। इन पोषक तत्वों की वजह से पौधे अपना विकास, प्रजनन एवं कई तरह की जीवाणु क्रियाओं को कर पाते हैं। यदि ये पोषक तत्व पौधों को वक्त से न मिलें तो इससे उनका विकास रुक जाता है। इन पोषक तत्वों में विशेष तौर पर ऑक्सीजन, पोटाश, नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, कार्बन और हाइड्रोजन इत्यादि शम्मिलित हैं। बतादें, कि इन पोषक तत्वों के अभाव का असर फसल की उपज पर पड़ता है। यदि पौधों में इनकी मात्रा में कमी होने पर कृषकों को भरपूर उत्पादन नहीं मिल पाता है। ऐसी स्थिति में आज हम आपको फसलों के लिए ऐसे ही कुछ महत्वपूर्ण पोषक तत्वों के विषय में जानकारी देंगे, जो कि पौधों के लिए बेहद आवश्यक हैं।

पोषक तत्वों की कमी के लक्षण

फसलों में बोरान की कमी के लक्षण

फसल में बोरान के अभाव की वजह से वर्धनशील हिस्से के पास की पत्तियों का रंग पीला हो जाता है। इसके अतिरिक्त कलियां सफेद अथवा हल्के सफेद मृत ऊतक की भांति नजर आती है।

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फसलों में सल्फर/गंधक की कमी के लक्षण

सल्फर/गंधक की कमी के कारण फसल की पत्तियां, शिराओं समेत, गहरे हरे से पीले रंग में तब्दील हो जाती हैं। इसके बाद में यह सफेद हो जाती हैं। गंधक की कमी की वजह से सर्वप्रथम नवीन पत्तियां प्रभावित होती हैं।

फसलों में मैगनीज की कमी के लक्षण

मैगनीज पोषक तत्व की कमी की वजह से पत्तियों का रंग पीला-घूसर अथवा लाल घूसर हो जाता है। वहीं, इसकी शिराएं हरी हो जाती हैं। पत्तियों के किनारे एवं शिराओं का मध्य हिस्सा हरितिमाहीन हो जाता है। हरितिमाहीन पत्तियां अपने सामान्य आकार में ही रह जाती हैं।

फसलों में जिंक/जस्ता की कमी के लक्षण

जिंक/जस्ता की कमी की वजह से सामान्य तौर पर पत्तियों के शिराओं के मध्य हरितिमाहीन के लक्षण नजर आते हैं। बतादें, कि पत्तियों का रंग कांसा की भांति हो जाता है।

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फसलों में मैग्नीशियम की कमी के लक्षण

फसल में यदि मैग्नीशियम की कमी हो जाए, तो पत्तियों के आगे के हिस्से का रंग गहरा हरा होकर शिराओं का बीच का हिस्सा सुनहरा पीला हो जाता है। आखिर में किनारे से अंदर की तरफ लाल-बैंगनी रंग के धब्बे बन जाते हैं।

फसलों में फास्फोरस की कमी के लक्षण

पौधों की पत्तियां फास्फोरस की कमी की वजह से छोटी रह जाती हैं। साथ ही, पौधो का रंग गुलाबी होकर गहरा हरा हो जाता है।

फसलों में कैल्शियम की कमी के लक्षण

कैल्शियम की कमी की वजह से सर्वप्रथम प्राथमिक पत्तियां प्रभावित होती हैं और विलंभ से निकलती हैं। साथ ही, शीर्ष कलियां बर्बाद हो जाती हैं। कैल्शियम की कमी के चलते मक्के की नोर्के चिपक जाती हैं।

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