कैबिनेट ने 2 सितंबर को डिजिटल कृषि मिशन को मंजूरी दी, 2817 करोड़ रूपए होंगे खर्च

Published on: 04-Sep-2024
Updated on: 04-Sep-2024

कैबिनेट ने 2 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 2817 करोड़ रुपये के बजट के साथ डिजिटल कृषि मिशन को मंजूरी दी, जिसमें केंद्र सरकार का 1940 करोड़ रुपये का हिस्सा है।

इस मिशन का उद्देश्य डिजिटल कृषि पहलों को समर्थन देने के लिए एक समग्र योजना तैयार करना है, जिसमें डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना का निर्माण और फसल अनुमान सर्वेक्षण जैसी परियोजनाएँ शामिल हैं।

हाल के वर्षों में भारत की डिजिटल क्रांति ने डिजिटल पहचान, सुरक्षित भुगतान, और लेनदेन के माध्यम से सरकारी सेवाओं और वितरण को सुधारते हुए अन्य क्षेत्रों में भी एक डिजिटल इकोसिस्टम तैयार किया है।

इसी दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए कृषि के लिए डिजिटल अवसंरचना की घोषणा 2023-24 के बजट में की गई थी, जिसे 2024-25 में भी बढ़ावा दिया जाएगा।

यह अवसंरचना किसानों से संबंधित विस्तृत डेटा उपलब्ध कराएगी, जिसमें जनसांख्यिकीय जानकारी, भूमि जोत और फसल डेटा शामिल है।

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डिजिटल कृषि मिशन की शुरूवात किन राज्यों में की जाएगी?

डिजिटल कृषि मिशन की नींव के रूप में तीन मुख्य अवसंरचनाओं (डीपीआई) का निर्माण किया जाएगा: एग्रीस्टैक, कृषि निर्णय सहायता प्रणाली, और मृदा प्रोफाइल मैपिंग, जो किसानों को कुशल सेवाओं के साथ सही समय पर जानकारी प्रदान करेंगी।

एग्रीस्टैक, किसानों को आधार के समान एक डिजिटल पहचान (किसान आईडी) प्रदान करेगा, जो भूमि अभिलेख, फसल, और योजनाओं से जुड़ा होगा।

यह सर्वेक्षण मोबाइल एप्स के माध्यम से किया जाएगा, और इसके लिए केंद्र और राज्य सरकारों के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हो चुके हैं।

किसान पहचान-पत्र के लिए पायलट प्रोजेक्ट छह राज्यों (उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, हरियाणा, पंजाब, तमिलनाडु) के जिलों में चलाए जा रहे हैं, और लक्ष्य है कि 2026-27 तक 11 करोड़ किसानों को डिजिटल पहचान प्रदान की जाएगी। इसी तरह, 2023-24 में फसल सर्वेक्षण भी पायलट रूप में 11 राज्यों में शुरू हो चुका है, और इसे पूरे देश में लागू करने का लक्ष्य 2025-26 तक है।

कृषि निर्णय सहायता प्रणाली फसल, मौसम, और जल संसाधनों पर आधारित जानकारी उपलब्ध कराएगी। मृदा प्रोफाइल मानचित्रण के तहत देश की 142 मिलियन हेक्टेयर भूमि का डेटा तैयार किया जाएगा, जिसमें से 29 मिलियन हेक्टेयर का काम पहले ही पूरा हो चुका है।

डिजिटल फसल अनुमान सर्वेक्षण, वैज्ञानिक रूप से डिज़ाइन किए गए फसल-कटाई प्रयोगों के आधार पर उत्पादन का अनुमान लगाएगा, जिससे कृषि उत्पादकता के सटीक अनुमान में मदद मिलेगी।

यह मिशन कृषि क्षेत्र में रोजगार सृजन में भी सहायक होगा, जिससे 2.5 लाख युवाओं और कृषि सखियों को काम मिलने की उम्मीद है।

मिशन के तहत आधुनिक तकनीकों का उपयोग करके किसानों को सरल और पारदर्शी सेवा वितरण प्रणाली मिलेगी। उदाहरण के लिए, किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए डिजिटल रूप से प्रमाणित किया जा सकेगा, जिससे कागजी कार्यवाही में कमी आएगी।

सरकारी एजेंसियों के लिए योजनाओं और सेवाओं को अधिक पारदर्शी और कुशल बनाने के लिए भरोसेमंद डेटा का उपयोग किया जाएगा। इसके साथ ही, फसल उत्पादन का सटीक अनुमान, मौसम और सिंचाई आवश्यकताओं का मूल्यांकन किया जाएगा।

कृषि निर्णय समर्थन प्रणाली सूखा, बाढ़, और बीमा दावों के निपटान में मदद करेगी। इसके अलावा, यह अवसंरचना किसानों को फसल स्वास्थ्य, कीट और रोग प्रबंधन के लिए समय पर जानकारी प्रदान करेगी, जिससे उन्हें बेहतर सेवाएं मिलेंगी।

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