Published on: 12-Mar-2023
राज्य सरकार के अनुसार, यह अधिनियम कृषि सुधार से जुड़ा कदम है। इससे कृषि क्षेत्र में निवेश को काफी प्रोत्साहन मिलेगा एवं पैदावार भी बढ़ेगी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा पंजाब के एक विधेयक को स्वीकृति प्रदान करदी गई है। मंजूरी मिलते ही यह विधेयक फिलहाल कानून में परिवर्तित हो गया है। इस कानून के चलते प्रदेश के 4,000 एकड़ से ज्यादा भूमि पर कब्जा रखने वाले 11,200 से भी अधिक काश्तकारों को मालिकाना हक मिल पाएगा। एक अधिकारी का कहना है, कि सरकार को आशा है, कि यह कानून भूमि जोतने वालों को मजबूत करेगा। साथ ही, जो लोग समाज में आर्थिक एवं सामाजिक तौर से लाचार, उन्हें भी सशक्त बनाएगा।
जानकारी के अनुसार, यह काश्तकार बहुत सालों से जमीन के छोटे-छोटे हिस्सों पर काबिज हैं।साथ ही, पीढ़ी-दर-पीढ़ी उत्तराधिकारी के तौर पर स्वयं का अधिकार प्राप्त करते हैं। चूंकि, वह पंजीकृत स्वामी नहीं थे, इसलिए ना तो वह वित्तीय संस्थानों से ऋण प्राप्त कर सकते थे। साथ ही, किसी प्राकृतिक आपदा की स्थिति में उन्हें सहायता मिलती थी। लेकिन अब उन्हें अन्य भूस्वामियों की तरह सभी लाभ मिलेंगे।
कृषि क्षेत्र में निवेश और उत्पादकता में वृद्धि होगी
इस विधेयक से समुचित सहायक धनराशि का भुगतान करने के उपरांत 4,000 एकड़ से ज्यादा जमीन पर कब्जा रखने वाले 11,200 से ज्यादा काश्तकारों को संपत्ति के अधिकार की अनुमति देता है। साथ ही, एक आधिकारिक बयान में बताया गया है, कि यह अधिनियम कृषि सुधार से संबंधित कदम है। वहीं, इससे कृषि क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा एवं पैदावार भी बढ़ेगी।
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इन समुदायों को मिलेगा अधिकार
इस विधेयक को स्वीकृति मिलते ही पंजाब में मुकर्ररिदार, मुंधिमार, पनाही कदीम, सौंजीदार, ताराद्दादकर, भोंदेदार, बुटेमार, डोहलीदार, इंसार मिआदी समुदायों को संपत्ति का हक मिल गया है। इन समुदायों के व्यक्ति बहुत सालों से 4 हजार एकड़ भूमि के रकबे पर काबिज थे। वहीं, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा स्वीकृति मिलते ही इन समुदाय के लोगों के मध्य खुशियों की लहर चल रही है। इन लोगों द्वारा सरकार और राष्ट्रपति का शुक्रिया अदा किया है। दरअसल, इस विधेयक, वर्ष 2020 में पंजाब विधानसभा में उस समय पारित किया गया था जब राज्य में अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार थी।
नवीन कृषि नीति जारी की जाएगी
बतादें कि पंजाब सरकार किसानों की प्रगति के लिए नवीन कृषि नीति पर भी कार्य चल रहा है। विगत माह पंजाब के कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने बताया था कि नवीन
कृषि नीति तैयार करने हेतु कृषि विशेषज्ञों की 11 सदस्यीय समितियों का गठन कर दिया गया है। यह समिति 31 मार्च तक नवीन कृषि नीति निर्मित कर लेगी। विगत सरकार द्वारा भी इस पर कवायद की थी, परंतु नीति को कभी अधिसूचित नहीं किया था।