भारत एक कृषि प्रधान देश है। कृषि क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था में भी अपनी अहम भूमिका अदा करता है। इसलिए देश की रीढ़ की हड्डी किसान भाइयों की फसल के संबंध में अनिश्चितताओं को दूर करने के लिए नरेन्द्र मोदी की कैबिनेट ने 13 जनवरी 2016 को पीएम फसल बीमा योजना को मंजूरी दी थी।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, किसानों की फसल को प्राकृतिक आपदाओं के चलते होने वाली हानि को किसानों के प्रीमियम का भुगतान देकर एक सीमा तक कम कराने वाली योजना है।
पीएम फसल बीमा योजना के लिए 8,800 करोड़ रुपयों को खर्च करने की योजना थी। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत किसानों को बीमा कंपनियों द्वारा निश्चित, खरीफ की फसल के लिए 2% प्रीमियम और रबी की फसल के लिये 1.5% प्रीमियम का भुगतान करना था।
इसमें प्राकृतिक आपदाओं की वजह से बर्बाद हुई फसल के विरुद्ध किसानों द्वारा भुगतान की जाने वाली बीमा की किस्तों को बहुत नीचा रखा गया है, जिनका हर स्तर का किसान आसानी से भुगतान कर सके।
ये योजना न केवल खरीफ और रबी की फसलों को बल्कि वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के लिए भी सुरक्षा प्रदान करती है, वार्षिक वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के लिये किसानों को 5% प्रीमियम (किस्त) का भुगतान करना होता है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना एक ऐसी योजना है, जिसके तहत किसानों को खरीफ की फसल के लिए दो प्रतिशत, रबी और तिलहन फसलों के लिए डेढ़ प्रतिशत और व्यावसायिक तथा बागवानी से जुड़ी फसलों के लिए पांच प्रतिशत की अधिकतम सालाना प्रीमियम राशि देनी होती है।
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बाकी की प्रीमियम राशि केन्द्र और राज्य सरकारें बराबर-बराबर बांटती हैं। इस योजना का मुख्य उद्देश्य दावों का त्वरित निपटान करना है। योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार दावों का निपटारा फसल कटाई के दो महीने के भीतर हो जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए किसान के पास कुछ अनिवार्य दस्तावेजों का होना बेहद जरूरी है। किसान का पहचान प्रमाण पत्र (आधार कार्ड, राशन कार्ड, पैन कार्ड, वोटर कार्ड)।
किसान का पता प्रमाण।(वोटर कार्ड), बैंक अकाउंट की जानकारियाँ जैसे – बैंक का नाम, शाखा, अकाउंट नंबर। किसान द्वारा फसल की बुवाई शुरू किए हुए दिन की तारीख और एप्लीकेशन फॉर्म।