Published on: 12-Jun-2023
करड़ी गांव के किसान विशाल सिंह का कहना है, कि पहले वह मजदूरी किया करते थे। इससे उनके घर का खर्चा भी नहीं चलता था। प्रति माह उनको 12 से 15 हजार रुपये ही मिलते थे।
अधिकांश लोगों का मानना है, कि हिमाचल प्रदेश में किसान केवल सेब की ही खेती किया करते हैं। परंतु, इस प्रकार की कोई बात नहीं है। यहां के किसान बाकी राज्यों के किसानों की भांति मक्का, गेहूं, धान एवं सब्जियों की बड़े पैमाने पर खेती करते हैं। विशेष बात यह है, कि हिमाचल प्रदेश के किसानों ने तो अब फूल की खेती भी चालू कर दी है। इससे किसान भाइयों को अच्छी आमदनी हो रही है। यहां के किसानों द्वारा उगाए गए फूल की मांग संपूर्ण राज्यों में हो रही है।
हिमाचल प्रदेश के किसान फूल की खेती कर रहे हैं
आज तक की खबर के अनुसार, वैसे तो पूरे हिमाचल प्रदेश में किसान फूल की खेती कर रहे हैं। परंतु, हमीरपुर जनपद की बात बिल्कुल अलग है। यहां के करड़ी गांव में 30 किसान फूल की खेती कर रहे हैं। इन किसानों के लिए फूल की खेती ही जीवन यापन का मुख्य स्त्रोत है। वह फूल की खेती से वर्ष में 5 से 6 लाख रुपये की आमदनी कर रहे हैं। साथ ही, उद्यान विभाग का कहना है, कि जनपद में साढ़े 7 हेक्टेयर के रकबे में किसान फूल की खेती कर रहे हैं। यहां के किसान फूल बेचकर अच्छी-खासी आमदनी कर रहे हैं।
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किसान फूलों को विक्रय कर कितना मुनाफा कमा रहे हैं
करड़ी गांव के रहने वाले किसान विशाल सिंह का कहना है, कि पहले वह मजदूरी किया करते थे। जिससे उनके घर का खर्च भी नहीं चल पाता था। महीन में उनको 12 से 15 हजार रुपये ही मिलते थे। अब ऐसी स्थिति में विशाल सिंह चंडीगढ़ से नौकरी छोड़ने के उपरांत गांव आ गए एवं फूल की खेती करने की योजना बनाई। इसके लिए उन्होंने विद्यान विभाग के कार्यालय में जाकर जानकारी प्राप्त की और 4 पॉली हाउस का निर्माण करवाया। फिलहाल, वह
पॉली हाउस में खेती करके 5 से 6 लाख रुपये की वार्षिक आमदनी कर रहे हैं। साथ ही, इसी गांव के किसान करनैल सिंह का कहना है, कि पहले वह बेरोजगार थे। तभी उद्यान विभाग से फूल की खेती करने की जानकारी प्राप्त हुई। अनुदान पर उन्होंने 4 पॉलीहाउस का निर्माण किया और फूलों की खेती चालू कर दी। वर्तमान में वह फूल बेचकर वर्ष में 5 लाख रुपये की आमदनी कर रहे हैं।
करनैल सिंह कौन-कौन से फूल उगा रहे हैं
किसान करनैल सिंह अपने खेत में गेंदा एवं कारनेशन के फूल उत्पादित कर रहे हैं। उनकी मां का कहना है, कि पहले वह अपने बेटे को फूल की खेती करने से रोक रहे थे। परंतु, उनका अनुमान बिल्कुल गलत सिद्ध हुआ। उनका बेटा फिलहाल फूल की खेती से अच्छी-खासी आमदनी कर रहा है। नादौन उद्यान विभाग की कृषि अधिकारी निशा मेहरा का कहना है, कि जनपद में बहुत सारे किसान फूल की खेती कर रहे हैं। फूल की खेती से बेरोजगार युवा खूब धनवान हो गए हैं। यहां पर उद्यान विभाग किसानों को पॉली हाउस निर्माण के लिए अनुदान भी देता है।