कारोबारियों को जब मौका लगता है तभी संगठित होकर अपना मुनाफा खड़ा कर लेते हैं। शुद्ध और पूर्ण फैट के दूध के दाम सोमवार को प्लांटों ने 35 रुपए कर दिए हैं और बाजार में दूध 50 के पार चल रहे हैं। दूध के बाजार की पड़ताल करती दिलीप यादव की रिपोर्ट।
एक तरफ प्राकृतिक प्रकोप का कहर फसलों पर बरस रहा है वहीं किसानों पर कोरोना कहर बन गया है। पशुपालन से घर के खर्च की जुगत लगाने वाली महिलाओं का बजट कोरोना के कोहराम ने बिगाड़ दिया है। ज्यादातर किसानों के घर की जरूरतों की पूर्ति पशुपालन से होने वाली आय से होती है। यह आय सीधे तौर पर दूध को बेचकर प्राप्त होती है। कोराना के असर के चलते दूध का बाजार धराशाई हो गया है। बड़े ब्रांड और डेयरी वालों ने आम आदमी के लिए दूध की कीमतें भले ही न गिराई हों लेकिन बड़े प्लांटों पर 6.5 फैट एवं 29 सीएलआर का दूध सोमवार को 35 रुपए लीटर पहुंच गया है।
उल्लेखनीय है कि इस बार ठंड के दिनों में भी दूध के दाम ज्यादा नहीं गिरे थे लेकिन मार्च में दूध के दाम धड़ाम हो गए हैं। बीच में चर्चा स्किम्ड मिल्क के आयात की होती रहीं लेकिन कोराना के कहर ने बगैर स्किम्ड मिल्क निर्यात के दूध बाजार को ओंधे मुंंह गेर दिया है। गोवर्धन रोड़ स्थिति नवज्योति डेयरी के संचालक की मानें तो दूध के लेवाल नहीं मिल रहे। टोंड मिल्क के दाम 12.13 रुपए लीटर के रह गए हैं।
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