हरित क्रांति के बाद भारत बना दुनियां का दूसरा सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक

Published on: 03-Sep-2022

नई दिल्ली। हरित क्रांति के बाद भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक देश बना है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में भारत ने 1068.4 लाख टन गेहूं का उत्पादन किया है, जो वर्ष 1960 के मुकाबले 1000 फीसदी अधिक है। हरित क्रांति से ही भारत को कृषि के क्षेत्र में विशेष ख्याति प्राप्त हुई थी। हरित क्रांति की बदौलत ही भारत अनाज उत्पादन में आत्मनिर्भर बना और पिछले छः दशकों से भारत दुनियां का दूसरा सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक देश बन गया है। साल 1960 की हरित क्रांति के बाद भारत ने गेहूं उत्पादन में करीब 1000 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज कराई है।

ये भी पढ़ें: 
इधर भीषण गर्मी से झुलसे अन्नदाता, उधर गेहूं की पैदावार में हुई रिकॉर्ड गिरावट 

केन्द्र सरकार के डाटा चार्ट के अनुसार साल 1960 की शुरुआत में भारत 98.5 लाख टन गेहूं का उत्पादन करता था। लेकिन हरित क्रांति के बाद भारत लगातार गेहूं का उत्पादन बढ़ाता गया और आज गेहूं उत्पादन में भारत का विश्व में दूसरा स्थान है। आज भारत 1068.4 लाख टन गेहूं का उत्पादन कर रहा है।


ये भी पढ़ें:
विपक्ष ने गेहूं संकट पर पूछा सवाल, तो केंद्रीय मंत्री तोमर ने दिया ये जवाब 

भारत पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान रिकॉर्ड 70 लाख टन अनाज का निर्यात कर चुका है। आज अनाज की कुल पैदावार प्रति हेक्टेयर के हिसाब से तीन गुना बढ़ गई है। 1960 के मध्य में प्रति हेक्टेयर 757 किलोग्राम की पैदावार हुआ करती थी, जो वित्तीय वर्ष 2021 में 2.39 टन हो गई है। 

अनाज के रिकॉर्ड उत्पादन की उम्मीद

वित्तीय वर्ष 2021-22 में गेहूं का उत्पादन बढ़ना तय है। इस साल भी भारत में गेहूं के रिकॉर्ड उत्पादन की उम्मीद जताई जा रही है। गेहूं उत्पादन में भारत को लगातार ख्याति मिल रही है, जो कृषि क्षेत्र के लिए अच्छे संकेत हैं।

Ad