केवड़ा का फूल अपनी मनमोहक सुगंध के लिए जाना जाता है। यह एक छोटा, सफेद और बाल जैसा दिखने वाला फूल होता है। फूल काफी छोटा होता है और इसकी लंबाई लगभग 2-3 इंच तक हो सकती है।
ये फूल किसानों के लिए भी बहुत फायदेमंद है। इसकी खेती करके किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते है। इस लेख में आप केवड़ा के फूल के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करेंगे।
केवड़ा का फूल (Kewda Flower) दिखने में बहुत सुंदर और अनोखा होता है। यह सफेद, हल्के पीले या हल्के हरे रंग का होता है।
फूलों की बनावट लंबी और बेलनाकार होती है, जो आमतौर पर कुछ इंच लंबी होती है। फूल के कई छोटे-छोटे तंतु होते हैं जो एक साथ जुड़े होते हैं।
इसके पंखुड़ियां पतली, नुकीली और घनी होती हैं, जो एक शंकु के आकार में व्यवस्थित होती हैं। केवड़ा का फूल सुगंधित होता है और इसकी खुशबू बहुत ही मीठी और मनमोहक होती है।
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माना जाता है कि बलुअर दोमट मिट्टी और दोमट मिट्टी केवड़ा की खेती (Kewda Flower) के लिए काफी उपयुक्त होती हैं।
इसकी फसल भी रेतीली, बंजर और दलदली मिट्टी में अच्छी होती है। इसकी पैदावार अच्छी होती है अगर जल निकासी की सुविधा अच्छी होती है।
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केवड़ा की रोपाई जुलाई और अगस्त में की जाती है, लेकिन सिंचाई की सुविधा हो तो इसे फरवरी-मार्च में भी उगाया जा सकता है।
केवड़ा के खेतों में आमतौर पर खरपतवार नहीं उगते, क्योंकि यह पौधा मजबूत होता है और निराई की जरूरत नहीं होती।
रोपाई के समय जैविक खाद डालने से पौधों की वृद्धि अच्छी होती है और फूल बेहतर लगते हैं। पत्तियों में कीट लगने की संभावना होती है, जिसके लिए किसान समय पर कीटनाशक छिड़काव कर सकते हैं।
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