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बारिश होने से किसानों को बिजली और डीजल के खर्च में मिली राहत

Published on: 30-Jan-2023

किसान भाई अपनी खेती से अच्छी पैदावार लेने के लिए फसल में खाद, बीज एवं सिंचाई इत्यादि के लिए खर्चा करते हैं। जिससे कि वह अपनी फसल से बेहतर उत्पादन ले सकें। किसान फसल की उत्तम उत्पादकता के लिए बारिश का इंतजार करते हैं। हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश सहित कुछ प्रदेशों में बारिश देखने को मिली है। जिससे किसान खुश हैं। क्योंकि इस इस समय हल्की बारिश फसलों के लिए अच्छी मानी जाती है। किसानों को बेहतर ढंग से खेती किसानी करने के लिए केंद्र व राज्य सरकार द्वारा भी काफी प्रोत्साहन दिया जाता है। कृषि में प्रत्येक वर्ष किसानों को हानि वहन करनी होती है। बाढ़, बारिश एवं सूखे में किसानों की पकी पकाई फसल बह नष्ट हो जाती है। भारत के विभिन्न क्षेत्रों में प्रचंड ठण्ड एवं पाला भी फसलों को हानि पहुंचा रहा है। पिछले कुछ दिनों में देश के विभिन्न राज्यों में हल्की बारिश देखी गई है। यह बारिश किसानों के लिए किसी वरदान से कम साबित नई हुई। किसानों की फसल को इस बारिश से काफी लाभ मिलेगा।

वर्षा होने से डीजल-बिजली दोनों का कम खर्च होगा

आपको बतादें कि उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा सहित अन्य भी राज्यों में विगत कुछ दिनों में हल्की बारिश हुई है। इसका लाभ आगामी दिनों में किसानों को मिलेगा। विशेषज्ञों का कहना है, कि हरियाणा में हिसार एवं जींद में हल्की वर्षा देखी गई है। इस प्रकार की वर्षा से गेहूं, सरसों और चना को अत्यधिक फायदा प्राप्त होगा। किसानों को सिंचाई हेतु डीजल एवं बिजली की आवश्यकता होती है। परंतु, फिलहाल वर्षा होने की वजह से किसानों के डीजल का खर्च नहीं हुआ। साथ ही, बिजली के बिल में भी घटोत्तरी हुई है। ये भी देखें: ठंड के कारण बर्बाद हो रही है, किसानों की फसलें, जाने कौन-कौन सी फसल को है नुकसान

आने वाले दिनों में बारिश होने की संभावना है

विशेषज्ञों के बताने के अनुसार, सर्दी की बारिश अभी रुकेगी नहीं। ऐसा अनुमान है, कि इस माह 28 एवं 29 जनवरी को भी हल्की बारिश हो सकती है। इससे फसलों की पुनः सिंचाई हो जाएगी। फसल का विकास ठीक तरह से हो पाएगा। विशेषज्ञों ने बताया है, कि केवल दो दिन ही हल्की वर्षा की ही संभावना है। तेज बारिश अथवा फिर ओलावृष्टि जैसी मौसमिक स्थिति नहीं होगी। पुनः होने वाली वर्षा भी फसलों के लिए लाभकारी साबित होगी।

किस वजह से वर्षा हो रही है

मौसम विभाग के मुताबिक, हिसार में मंगलवार को 4 मिमी वर्षा दर्ज हुई है। अन्य भागों में भी हल्की वर्षा देखने को मिली है। यह वर्षा पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की वजह मानी गई है। आईएमडी चंडीगढ़ के आंकड़ों के मुताबिक, मंगलवार के दिन हरियाणा में 0.1 मिमी बारिश दर्ज हुई है। जो कि सामान्य से 93 फीसद कम है। किसानों ने बताय है, कि हल्की वर्षा होने से फसलों को काफी फायदा होगा। लेकिन, ओलावृष्टि हुई तब फसलें नष्ट हो जाएंगी। इससे सरसों, गेहूं एवं चना समस्त फसलों को काफी हानि पहुँच सकती है।

गेहूं की फसल में रतुआ रोग लगने की संभावना है

धीमी वर्षा किसानों के लिए लाभकारी मानी जा रही है। साथ ही, इसकी वजह से मौसम के अंदर जो नमी बनी हुई है। इसकी वजह से नुकसान होने की भी संभावना काफी बढ़ चुकी है। विशेषज्ञों के मुताबिक, ज्यादा नमी और कम तापमान का टिका रहना गेहूं के लिए नुकसानदायक भूमिका निभा सकता है। ऐसे मौसम के अंतर्गत गेहूं में रतुआ रोग संक्रमण का खतरा ज्यादा होता है।

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