मखाना की खेती करके किसान हो सकते हैं मालामाल मिल रहा है 75% सब्सिडी

Published on: 29-Oct-2022

मखाना (Fox nuts) की खेती करने के लिए बिहार पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है, क्योंकि पूरी दुनिया में मखाने का 90% उत्पादन सिर्फ बिहार में होता है। बिहार सरकार मखाने की खेती को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है, आप अगर मखाने की खेती करना चाहते हैं तो इन योजनाओं का लाभ लेकर आप मखाने की खेती कर बेहतर मुनाफा अर्जित कर सकते है। बिहार में सबसे ज्यादा मखाने की खेती मधुबनी, दरभंगा, सुपौल, सहरसा, पूर्णिया और कटिहार जिलों में की जाती है। यहां के किसान मखाने की खेती करके बढ़िया मुनाफा अर्जित करते हैं। बिहार सरकार मखाने की खेती को बढ़ावा देने के लिए व्यापक पैमाने पर शानदार प्रयास कर रही है और किसानों को प्रेरित भी कर रही है, जिससे किसान मखाने की खेती में पहले से ज्यादा रूचि ले रहे हैं।

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कुछ समय पहले मिथिलांचल की मखाना को जियो टैग मिला था। इसके बाद से राज्य सरकार उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए बहुत जोर दे रही है। राज्य सरकार के द्वारा मखाना विकास योजना भी चलाई गई है, जिसके अंतर्गत मखाना उपजाने वाले किसानों को 75% की सब्सिडी दी जा रही है। मखाना उपजाने के लिए 75 % सब्सिडी का राज्य सरकार के द्वारा दिए जाने से किसानों को आर्थिक बल और सहयोग मिल रहा है, जिससे किसान मखाने की खेती कर बंपर लाभ कमा रहे है। अगर आप भी मखाने की खेती कर अपने बिजनेस को बढ़ावा देना चाहते हैं, तो इस योजना का लाभ ले सकते है। इस योजना का लाभ ले करके आप अपना खुद का एग्री बिजनेस भी शुरू कर सकते हैं। बिहार के किसान मखाने की खेती के साथ-साथ फूड प्रोसेसिंग भी कर रहे हैं, जिससे किसानों को बंपर फायदा हो रहा है और किसान खुश नजर आ रहे हैं।

क्या है मखाना विकास योजना

बिहार कृषि विभाग के द्वारा मखाने की क्वालिटी प्रोडक्शन को बढ़ाने के लिए मखाना विकास योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना के अंतर्गत मखाने के उच्चतम क्वालिटी के बीजों का उत्पादन और क्षमता के विकास करने पर जोर दिया जा रहा है। मुख्य तौर पर इस योजना का लाभ लेने के लिए और किसानों को जागरूक करने के लिए विशेष तौर पर कटिहार, दरभंगा, सुपौल, किशनगंज, पूर्णिया, सहरसा,अररिया,पश्चिमी चंपारण मधेपुरा, सीतामढ़ी और मधुबनी को कवर किया जा रहा है। अगर आप भी इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं और मखाने की खेती कर 75% की सब्सिडी प्राप्त करना चाहते हैं, तो आप बिहार सरकार के कृषि विभाग के ऑफिशियल पोर्टल state.bihar.gov.in/krishi/ पर जाकर इस योजना के बारे में विशेष जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। किसानों के आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए सरकार प्रयासरत है और मखाने की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार लोगों को जागरुक भी कर रही है। [embed]https://youtu.be/dvDAN5o0vbA[/embed] साबौर मखाना-1 और स्वर्ण वैदेही प्रभेद मखाने को उच्चतम क्वालिटी का मखाना माना जाता है। राज्य सरकार अब इन्हीं दो उच्चतम क्वालिटी के मखाने की खेती को बढ़ावा देने के लिए लक्ष्य निर्धारित किया है। बिहार राज्य सरकार के मापदंडों के अनुसार इन दोनों किस्मों के मखाने की खेती करने के लिए ₹97000 की अधिकतम लागत बताई गई है। जिसमें 75 प्रतिशत सब्सिडी राज्य सरकार खुद दे रही है, यानी ₹72750 तक का अनुदान इन दोनों किस्मों के मखाने की खेती करने के लिए दिया जा रहा है। कृषि विभाग के द्वारा गाइडलाइंस में साफ तौर पर कहा गया है कि अगर आप यह सब्सिडी की राशि प्राप्त करना चाहते हैं, तो आप अपने जिले के सहायक निदेशक उद्यान से संपर्क कर सकते हैं।

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खेती के साथ-साथ किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी राज्य सरकार के द्वारा कृषि निवेश प्रोत्साहन नीति योजना भी चलाई जा रही है। इस योजना के तहत मखाने की प्रोसेसिंग करने के लिए यानी उद्योग लगाने के लिए किसान और व्यक्तिगत निवेशकों को 15% की सब्सिडी मिल रही है। मखाना प्रोसेसिंग यूनिट बनाने के लिए किसान उत्पादक संगठन (FPO/FPC) से भी करीब २५% के अनुदान का प्रावधान पहले से ही है। खेती के साथ-साथ किसान को एग्री बिजनेस से जोड़ने के लिए सरकार कोई कसर नहीं छोड़ रही है। किसानों को खेती करने के साथ-साथ उन्हें एग्रीबिजनेस से जोड़ने और आत्मनिर्भर बनाने को लेकर सरकार किसानों को लगतार प्रेरित कर रही है। बिहार सरकार किसानों के भविष्य को संवारने को लेकर संकल्पित है, पिछले दिनों में जिस तरह से कृषि विभाग के द्वारा एग्रीकल्चर कॉलेज खोलने को लेकर घोषणा करना और योजनाओं को धरातल पर लागू कराने के लिए जागरूकता अभियान चलाना। साथ ही साथ कृषि विज्ञान केंद्र में प्रशिक्षण देने से साफ जाहिर होता है, कि आने वाले समय में किसान आत्मनिर्भर बनेंगे और बेहतर मुनाफा अर्जित कर के खुशहाल जिंदगी जी सकेंगे।

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