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सरसों की फसल में भयानक खरपतवार ओरोबंकी के नियंत्रण उपाय

Published on: 26-Aug-2024
Updated on: 26-Aug-2024

ओरोबंकी, जिसे मरगोजा भी कहा जाता है, सरसों का एक खतरनाक खरपतवार है जो उत्पादन को 45 प्रतिशत तक कम कर सकता है।

यह पूरी तरह से सरसों की जड़ पर निर्भर होता है, और जड़ से सभी पोषक तत्वों को सोख लेता है। इससे फसल की उपज में भारी गिरावट हो सकती है, जैसे जहां 10 क्विंटल की उपज होनी थी, वहां 3 क्विंटल तक कम हो जाती है।

ओरोबंकी खरपतवार कैसे फलता है?

ओरोबंकी का प्रसार बीज द्वारा होता है, और यह प्रति पौधा 1 से 5 लाख तक बीज बना सकता है। इसके बीज इतने छोटे होते हैं कि उन्हें आंखों से देख पाना मुश्किल होता है।

ये बीज मिट्टी में 10-15 साल तक निष्क्रिय रह सकते हैं, लेकिन उगने की क्षमता बनाए रखते हैं।

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बुवाई के कितने दिन बाद उगता है ये खरपतवार?

सरसों की बुवाई के 6 दिन बाद यह खरपतवार उगना शुरू हो जाता है। सरसों की जड़ें एक रसायन छोड़ती हैं जिससे आसपास के ओरोबंकी के बीज उग जाते हैं। उगने के बाद यह सरसों की जड़ों से जुड़कर पोषक तत्व सोखना शुरू करता है।

बुवाई के 45-60 दिन तक ओरोबंकी मिट्टी के अंदर ही रहता है और फिर बाहर निकलकर 8-10 दिनों में फूल बनाता है और बीज तैयार करता है।

ओरोबंकी खरपतवार नियंत्रण के उपाय

  • इस खरपतवार के नियंत्रण के लिए बुवाई के 30 दिन बाद राउंड अप या ग्लाइसल 25 ग्राम को 150 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ छिड़काव करें।
  • दूसरा छिड़काव 50-55 दिन बाद 50 ग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से करें। छिड़काव से पहले या बाद में सिंचाई करना आवश्यक है।
  • इसके प्रकोप को कम करने के लिए गर्मियों में प्रभावित खेतों की 9-10 सेंटीमीटर गहरी जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करें।
  • ध्यान दें कि अभी तक कोई ऐसी सरसों की किस्म उपलब्ध नहीं है जो ओरोबंकी से प्रतिरोधक हो। बुवाई के समय स्वस्थ और प्रमाणित बीज का उपयोग करें जिसमें ओरोबंकी के बीज न हों।
  • सरसों की फसल को उर्वरकों से पोषण देकर ओरोबंकी के प्रभाव को कम किया जा सकता है। पहले पानी के समय 50 किलो यूरिया और दूसरे पानी के समय 25 किलो यूरिया का उपयोग करें। यदि खेत में ओरोबंकी का प्रकोप अधिक हो तो सरसों के बजाय चना, जौ या गेहूं की बुवाई करें।
  • समय पर सिंचाई करके भी ओरोबंकी को नियंत्रित किया जा सकता है क्योंकि यह खरपतवार अधिक नमी सहन नहीं कर पाता।

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