पंजाब सरकार द्वारा राज्य के किसानों को परंपरागत कृषि फसलीय चक्र से बाहर निकालने के लिए अलग-अलग स्कीमें समय-समय पर लागू की जा रही हैं जिससे राज्य में सहायक धंधों को विकसित करके किसानों की आय में वृद्धि की जा सके। आज यहाँ से जारी बयान में राज्य के पशु पालन, मछली पालन, डेयरी विकास विभाग के मंत्री श्री तृप्त राजिन्दर सिंह बाजवा ने बताया कि सरकार ने दूध के उत्पाद, मीट, पशु आहार की गुणवत्ता बढ़ाने, संभाल करने और बढि़या मंडीकरण के लिए नये उद्यमियों, कंपनियों और किसान उत्पादक संस्थांओं के लिए एक नयी स्कीम लागू की है, जिसके अंतर्गत दूध से दूध उत्पाद, मीट, पशु आहार और साइलेज के कारखाने /प्लांट लगाने के लिए ब्याज दर पर 3 प्रतिशत छूट देने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि इस स्कीम अधीन 15 हजार करोड़ रुपए की राशी पूरे देश में 3 प्रतिशत ब्याज की सब्सिडी देने के लिए रखी गई है और यह स्कीम तीन साल के लिए चालू रहेगी।
पशु पालन मंत्री ने कहा कि यह आम तौर पर देखा गया है कि किसान सहायक धंधे अपनाकर बढि़या उपज तो ले रहे हैं, परन्तु इनसे उत्पाद तैयार करना, उनकी बढि़या संभाल करना और मानक मंडीकरण की और ज्यादा जरूरत है जिससे गुणवत्तक उत्पाद उपभोक्ता तक पहुँचाए जा सकें। उन्होंने साथ ही बताया कि इस स्कीम के लागू होने से राज्य में उद्योग स्थापित होंगे और नौजवानों को रोजगार मिलेगा और उपभोक्ताओं को राज्य में ही तैयार किये हुए गुणवत्तक उत्पाद मिलेंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि नयी पीढ़ी की खाने पीने की आदतें बदलने के कारण अब केवल घी और पाउडर बनाने के कारखाने की अपेक्षा अलग-अलग तरह के पनीर और चीज, योगहर्ट, सुगंधित दूध, आईसक्रीम और स्वास्थ्य बढ़ाने वाले पदार्थों की माँग बढ़ रही है। इसी तरह मीट से मीट के अलग-अलग उत्पाद बनाकर बढ़ती आबादी की माँग को पूरा किया जा सकता है। उन्होंने विभाग के अधिकारियों को हिदायत की है कि स्कीम का अधिक से अधिक प्रचार किया जाये और नये उद्यमियों को जानकारी और अन्य सुविधाएं देने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएँ।
श्री इन्द्रजीत सिंह, डायरैक्टर डेयरी विकास विभाग पंजाब ने बताया कि पंजाब में सिर्फ 30 प्रतिशत दूध संगठित क्षेत्र के कारखाने द्वारा खरीदा जाता है, बाकी दूध दूधवालों, शहरी क्रीमरियों, हलवाईयों, रैस्टौरैंटों और केटरिंग करन वाले कैटरर्ज द्वारा खरीदा जाता है। रोजाना दूध खरीदने की अपेक्षा अब उपभोक्ता भरोसेमंद कंपनियों के लंबे समय तक रखे जाने वाले दूध अलट्रा हीट ट्रीटड मिल्क (यू.एच.टी) को प्रथमिकता देने लगे हैं। परन्तु पंजाब में मिल्कफैड को छोड़कर कोई ऐसा कारखाना नहीं है जो यह दूध तैयार करके बेचता हो। इसलिए दूध और दूसरे उत्पादों की विभिन्नता के लिए इस स्कीम से लाभ लेने का सुनहरी मौका है।
उन्होंने पंजाब के नये और पुराने उद्यमियों से अपील की है कि इस स्कीम से लाभ लेने के लिए विभाग के मुख्यालय, डिप्टी डायरैक्टर कार्यालयों और विभागीय हेल्पलाइन 0172-5027285 पर संपर्क करें।