किसानों के लिए ख़ुशखबरी अब नर्सरी लगाने के लिए मिलेगी 50 प्रतिशत सब्सिड़ी

Published on: 10-Sep-2024
Updated on: 10-Sep-2024

किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए, सरकार ने फल-फूल और सब्जियों की खेती को प्रोत्साहित किया है।

राजस्थान सरकार राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत किसानों को नर्सरी लगाने के लिए अनुदान प्रदान कर रही है।

इस योजना के तहत, किसान अपने खेतों में नर्सरी स्थापित कर सकते हैं और इससे लाखों रुपए की आय कमा सकते हैं।

पौध रोपण और नर्सरी के मानक

योजना के तहत, किसान फलीय और बहुफलीय पौधे लगा सकते हैं। प्रस्ताव में फलों और किस्मों के नाम स्पष्ट रूप से दर्ज करने होंगे। नर्सरी में उच्च गुणवत्ता वाले पौधों के मातृ वृक्ष ब्लॉक की उपस्थिति अनिवार्य होगी।

इन मातृ पौधों को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, कृषि विश्वविद्यालयों, और राज्य के अनुसंधान केन्द्रों से प्राप्त किया जाना चाहिए।

नर्सरी पर राष्ट्रीय बागवानी मिशन से अनुदानित बोर्ड लगाना होगा, जिसमें स्थापना का वर्ष, कुल लागत और मातृ वृक्षों की किस्म की जानकारी होनी चाहिए।

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किसानों की सुविधाएँ

इस योजना का लाभ उठाने के लिए, किसानों को उन्नत मातृ वृक्ष ब्लॉक के साथ नेचुरली वेंटिलेटेड ग्रीनहाउस, हाइटैक ग्रीनहाउस, फॉगिंग और सिंचाई प्रणाली का विकास करना होगा।

इसके अलावा, कीट और रोग नियंत्रण के लिए 35 प्रतिशत लाइट स्क्रीनिंग, सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली युक्त शेडनेट हाउस और उचित सिंचाई प्रणाली का विकास करना होगा।

मृदा उपचार के लिए भी स्टारलाईजेशन प्रणाली स्थापित करनी होगी।

अनुदान की राशि

किसान नर्सरी लगाने के लिए बैंक लोन ले सकते हैं। इस आधार पर, विभाग नर्सरी स्थापित करने पर 50 प्रतिशत (यानी 7 लाख 50 हजार रुपए) का अनुदान प्रदान करेगा।

परियोजना लागत का 70 से 75 प्रतिशत बैंक लोन स्वीकृति पत्र के साथ आवेदन में शामिल करना होगा। छोटी नर्सरी की लागत प्रति हेक्टेयर 15 लाख रुपए निर्धारित की गई है।

अनुदान राशि तीन वर्षों की अवधि पूरी होने के बाद बैक एंड प्रक्रिया के माध्यम से समायोजित की जाएगी। अगर परियोजना प्रस्ताव का क्रियान्वयन नहीं होता या पौध अनुदान कार्य बंद होता है, तो अनुदान की राशि वापस ले ली जाएगी।

आवेदन प्रक्रिया

इच्छुक किसानों को छोटी नर्सरी के लिए भू स्वामित्व के दस्तावेज, सुविधाओं का विवरण, वित्तीय विश्लेषण, और अन्य आवश्यक दस्तावेजों के साथ जिला उद्यानिकी विभाग में ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके बाद, अभिशंसा के बाद आवेदन राज्य सोसायटी निदेशालय को भेजा जाएगा।

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