आर्मी से सेवानिवृत कैप्टन प्रकाश चंद ने बागवानी शुरू कर लाखों की कमाई

Published on: 25-Sep-2023

पूर्व कैप्टन प्रकाश चंद ने बताया है, कि गेहूं एवं मक्का जैसी पारंपरिक फसलों की खेती में कोई खास लाभ नहीं है। ऐसी स्थिति में किसानों को अब बागवानी की तरफ रुख करना चाहिए। क्योंकि बागवानी के अंतर्गत कम लागत में ज्यादा मुनाफा है। दरअसल, हम जिस शख्सियत के संबंध में बात करने जा रहे हैं, उनका नाम प्रकाश चंद है। पूर्व में वह भारतीय सेना में कैप्टन के पद कार्यरत थे। रिटायरमेंट लेने के उपरांत उन्होंने गांव में आकर खेती चालू कर दी। विशेष बात यह है, कि अभी उनकी आयु 70 साल है। वे इस आयु में भी खुद से खेती कर रहे हैं। ऐसे कैप्टन प्रकाश चंद हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जनपद स्थित कैहड़रू गांव के मूल निवासी हैं। वह इस आयु में भी बागवानी कर रहे हैं।

पूर्व कैप्टन प्रकाश चंद ने लगभग 2 लाख रुपये की मौसंबी बेची हैं

उनका 20 कनाल जमीन में मौसंबी का बाग है। इससे उन्हें प्रति वर्ष लाखों रुपये की आमदनी हो रही है। पूर्व कैप्टन प्रकाश चंद का कहना है, कि उन्होंने गांव आकर बागबानी की शुरुआत की, तो दूसरे वर्ष उन्हें 60 हजार रुपये की आमदनी हुई। वहीं, तीसरे वर्ष में उन्होंने लगभग 2 लाख रुपये का मौसंबी बेचा। हालांकि, इस वर्ष ज्यादा बारिश की वजह से बाग को बेहद नुकसान पहुंचा है। फिर, भी उनका कहना है कि इस बार 4 लाख रुपये का मुनाफा होगा।

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बागवानी से बढ़ी पूर्व कैप्टन प्रकाश चंद की आमदनी

कैप्टन प्रकाश चंद का कहना है, कि वह वर्ष 2019 से बागवानी कर रहे हैं। उन्होंने एचपी शिवा प्रोजेक्ट के अंतर्गत बागवानी चालू की है। एचपी प्रोजेक्ट के अंतर्गत किसानों को बागबानी का प्रशिक्षण एवं आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाई जाती है। ऐसी स्थिति में उन्होंने एचपी शिवा प्रोजेक्ट के अंतर्गत बंजर पड़ी 20 कनाल भूमि पर मौसंबी एवं अनार की खेती चालू कर दी। मुख्य बात यह है, कि पूर्व कैप्टन अब अपने मौसंबी तथा अनार के बाग में सब्जी भी उगा रहे हैं। इससे उनकी आमदनी भी काफी बढ़ गई है।

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