सभी किसान भाई-बहनों को, सितंबर माह की बधाई और शुभकामनाएं! सर्दियों के मौसम की सब्जियों की पौध तैयार करने का एक बेहतरीन समय आरंभ हो गया है।
उन्नत खेती का माह कुंभ, सितंबर माह के आने वाले 30 दिन, परिश्रम और कृषि कौशल अजमाने का समय है। आइए इस लेख में हम खरीफ जायद माह के बारे में विस्तार से जानते है।
Autumn Zaid Season (जिसे खरीफ जायद भी कहते हैं) कि शुरुआत सितंबर से होती है। यह वह समय होता है जिसमें सबसे अधिक फसलों की जाति, प्रजाति और किस्मों का उत्पादन किया जा सकता है।
फसलों की बढ़वार से लेकर उनका विकास तेज़ी से होता है और फूल और फल, फलियां भी खूब बनती हैं। फसलों और उनके बिजाई रोपाई का समय इस प्रकार का होना चाहिए कि उनके परागण की प्रक्रिया तेज सर्दियों के आने से पहले पहले ही हो जायें और अधिकतर फसलें मध्य फरवरी माह तक तैयार हो जाएं।
ये भी पढ़ें: गर्मी की गहरी जुताई से क्या फायदा होता है जानिए इसके बारे में यहां
खरीफ जायद सीजन को रबी सीजन से अलग करके सोचना चाहिए। रबी फसलों की बुवाई रोपाई तो मध्य अक्टूबर से लेकर दिसम्बर माह तक चलती रहती है जो मई के मध्य तक पककर काट ली जाती हैं।
हमे सितंबर माह के प्रथम सप्ताह से शरू करके अक्टूबर माह के प्रथम सप्ताह तक इस खरीफ जायद /AUTUMN शरद ऋतु की फसलों की बुवाई/रोपाई पूरी कर लेनी चाहिए।
खरीफ जायद मौसम में लगयी जाने वाली फसल निम्नलिखित है:
फरवरी माह के अंत में लगाने के लिए पपीते की पौध, केले की पौध भी इसी माह में तैयार करनी चाहिए और उसे सर्दियों में पॉलिथीन से ढककर बचाकर रखें।
इस वर्ष रबी सीजन की फसलों को जिसने अगेती लगाया तो बीज अंकुरण की समस्या का सामना करना पड़ा था। रबी सीजन की कम सर्दी पसंद करने वाली फसलों पर भी बुरा हाल देखने को मिला। किसानों को इसका मतलब समझना जरूरी है। कई अनुसंधान अभी बाकी हैं, या वह लैब से लैंड तक कभी पहुंचे ही नहीं हैं।
ये भी पढ़ें: कृषि जलवायु क्षेत्रों के अनुसार भारत में उगाई जाने वाली विभिन्न प्रकार की फसलें
उन अगेती फसलों का अंकुरण तापमान अधिक होने के कारण नहीं हुआ और बहुत सी फसलों को आजकल भी बोया जा सकता है। जिन फसलों को पाले का प्रभाव अधिक पड़ रहा है, उन्हें बहुत अगेती लगाना चाहिए ताकि पाला पड़ने तक पक जाएं या फिर लेट में आजकल ही लगाना चाहिए। लेकिन इस सब पर अनुसंधान जरूरी है।
मुझे मुख्य रबी सीजन से समय की बर्बादी ज्यादा नजर आ रही है क्योंकि जिन फसलों की हीट यूनिट्स की आवश्यकता अधिक है, वह लंबा समय ले रही होती हैं। अतः मैं रबी सीजन को भूल जाना चाहता हूं। मुझे मुख्य रबी सीजन से पूर्व का सीजन और मुख्य रबी सीजन के बाद का सीजन और खरीफ सीजन अधिक सटीक जंचता है। इसी आधार पर फार्म का क्रॉपिंग प्लान तैयार किया जायेगा।
लेखक,
डॉ वीरेन्द्र सिंह गहलान,
भैषज्य उत्पादक कृषि विज्ञानी