Published on: 13-Jul-2023
आज हम आपको ऐसे दो भाईयों के बारे में बताऐंगे जो कि राजस्थान के करौली जनपद के रहने वाले हैं। एक का नाम सुरजन सिंह है, तो दूसरे का नाम मोहर सिंह है। दोनों पहले प्राइवेट स्कूल में नौकरी करते थे।
खेती में मेहनत ज्यादा और फायदा कम होने के चलते लोग नौकरी करना अधिक पसंद कर रहे हैं। यहां तक कि प्राइवेट नौकरी करने के लिए लोग लाइन में कतारबद्ध खड़े रहते हैं। परंतु, आज हम ऐसे दो भाइयों के संबंध में बात करेंगे, जिनमें खेती से संबंधित व्यवसाय करने की इच्छा के चलते अच्छी- खासी प्राइवेट नौकरी छोड़ दी। अब यह दोनों भाई फूल, फल और सब्जियों की नर्सरी लगाकर प्रति माह मोटी आमदनी कर रहे हैं। इन दोनों भाइयों का कहना है, कि नर्सरी का बिजनेस शुरू करते ही उनकी आमदनी पहले की तुलना में दोगुनी हो गई है। अब ये दोनों भाई बाकी युवाओं के लिए भी मिसाल बन चुके हैं।
आमदनी के साथ-साथ पर्यावरण भी स्वच्छ हो रहा है
ये दोनों भाई राजस्थान के करौली जनपद के रहने वाले हैं। एक का नाम सुरजन सिंह है तो दूसरे का नाम मोहर सिंह। हालाँकि, पहले दोनों प्राइवेट स्कूल में ही नौकरी करते थे। इससे उनके घर का खर्चा नहीं चलता था। ऐसे में दोनों ने कुछ अलग हटकर व्यवसाय शुरू करने की योजना बनाई। तभी दोनों भाइयों के दिमाग में नर्सरी का व्यवसाय शुरू करने का आइडिया आया। मुख्य बात यह है, कि दोनों भाइयों ने किराए पर जमीन लेकर दो महीने पहले ही नर्सरी का व्यवसाय शुरू किया है। दोनों भाइयों का कहना है, कि यह एक ऐसा व्यवसाय है, जिससे आमदनी तो हो ही रही है, साथ में पर्यावरण भी स्वच्छ हो रहा है।
प्राइवेट स्कूल में शिक्षक की नौकरी किया करते थे
सुरजन सिंह का कहना है, कि पहले वे प्राइवेट स्कूल में टीचर की नौकरी करते थे। दरअसल, इससे उनको अच्छी आमदनी नहीं हो रही थी। इस वजह से उन्होंने नर्सरी का बिजनेस चालू करने की योजना बनाई। इसके पश्चात उन्होंने ट्रायल के रूप में एक छोटी सी नर्सरी लगाकर अपना व्यवसाय शुरू किया। इससे उनको काफी ज्यादा फायदा हुआ। इसके उपरांत दोनों भाइयों ने किराए पर भूमि लेकर बेहद बड़े इलाके में नर्सरी लगानी चालू कर दी। अब उनकी नर्सरी में काफी बड़ी तादात में लोग पौधे खरीदने आ रहे हैं।
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हजारों रुपए के पौधे इनकी नर्सरी में हैं
साथ ही, मोहर सिंह का कहना है कि इस नर्सरी में विभिन्न किस्मों के पौधे हैं। इनमें से कई पौधों को हमने कोलकाता से मंगवाया है, जिसकी अच्छी बिक्री हो रही है। इसके अतिरिक्त वह देसी पौधों को स्वयं ही नर्सरी में तैयार कर रहे हैं। फिलहाल, उनकी नर्सरी में 20 रुपए से लेकर 1200 रुपए तक के पौधे हैं। इससे आप यह आंकलन कर सकते हैं, कि किस किस तरह के पौधे इनकी नर्सरी में मौजूद हैं।