केंद्र सरकार द्वारा भारत की जनता को सहूलियत प्रदान करने के लिए विगत सप्ताह एक निर्णय लिया गया। वर्तमान में इस निर्णय का प्रभाव अमेरिका के सुपरमार्केट्स में दिखना चालू हो चुका है।
केंद्र सरकार ने चावल की कीमतों में आ रहे उछाल पर रोक लगाने के उद्देश्य से विगत सप्ताह नॉन बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया। अब सरकार के इस निर्णय का प्रभाव अमेरिका में दिखना चालू हो गया।
दरअसल, चावल निर्यात प्रतिबंधित होने से विश्वभर के बहुत सारे देशों में किल्लत उत्पन्न हो सकती है। लिहाजा इनकी कीमतें भी बढ़ जाऐंगी।
ऐसी स्थिति में अमेरिका के लोग चावल खरीदने के लिए सुपरमार्केट्स के बाहर कतार लगाकर खड़े हो रहे हैं। अमेरिका के सुपरमार्केट में चावल खरीदने के लिए भीड़ जुट रही है।
भारत चावल का सबसे बड़ा निर्यातक देश माना जाता है। वर्तमान में भारत सरकार ने देश के अंदर चावल की कीमतें कम करने के लिए यह फैसला लिया है। अब इस फैसले का असर अमेरिका ही नहीं बल्कि विश्व के विभिन्न देशों में देखने को मिल सकता है।
एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया की आधी जनसंख्या का मुख्य भोजन चावल को ही माना जाता है। वर्तमान में सामान्य बात यह है, कि एक्सपोर्ट न होने की स्थिति में इन देशों में चावल की कमी होगी। माँग एवं आपूर्ति के खेल के चक्कर में इनके भाव बढ़ने निश्चित हैं।
ये भी पढ़े: अब गैर बासमती चावल के निर्यात पर लगेगा 20 फीसदी शुल्क
दरअसल, लोग अधिक से अधिक मात्रा में चावल खरीदने के लिए काफी ज्यादा भीड़ लगा रहे हैं। यह बहुत ही आम बात है, कि जब विश्व का सबसे ज्यादा राइस एक्सपोर्टर देश चावल के निर्यात को रोक देगा तो मांग और आपूर्ति निश्चित रूप से प्रभावित होगी। इससे चावल की विदेशो में कीमतें काफी बढ़ जाऐंगी।
लिहाजा लोग ज्यादा से ज्यादा चावल खरीदने के लिए अमेरिका के सुपरमार्केट्स पर भीड़ लगाने लग रह हैं। इन्हें पता है, कि अब चावल की कीमतें अभी और बढ़ जाऐंगी। यहां के सुपरमार्केट्स में लोगों के मध्य चावल खरीदने की होड़ सी लग चुकी है।
विशेष रूप से नॉन बासमती चावल के भाव में 10 से 18 प्रतिशत तक बढ़ोत्तरी देखने को मिली है। ऐसे में सरकार ने यह निर्धारित किया है, कि इसके निर्यात पर प्रतिबंध लगाया जाए जिससे कि कीमतों में और इजाफा ना हो सके।