Published on: 16-Feb-2023
सहकारी और राष्ट्रीकृत बैंकों का लाखों करोड़ों किसानों पर कर्ज बकाया है. अगर किसान समय पर अपना लोन नहीं चुका पाते, तो उन्हें डिफॉल्टर घोषित कर दिया जाता है. जिसके बाद किसानों के कर्ज लेने के सारे रस्ते बंद हो जाते हैं. हालांकि लोन लेने के अपने कुछ क़ानूनी नियम होते हैं. लेकिन ऐसा कई बार होता हैं जहां फसलों की बर्बादी या फिर मौसम की मार की वजह से किसान अपना लोन नहीं चुका पाते. लों की किस्ते चुकाने के लिए बैंक की तरफ से भी कई फोन किये जाते हैं. लेकिन देरी की वजह से कई तरह तरह की पेनाल्टी लग जाती है और लोन की रकम पहले से कहीं ज्यादा बढ़ जाती है.
एल तो पहले का लोन उसके ऊपर से उसमें लगी पेनाल्टी किसानों पर डबल बोझ डाल देती है. जिसे चुकाना आसान नहीं होता. ऐसा कई बार होता है कि, जमानत के तौर पर किसानों को अपनी जमीन तक बेचनी पड़ जाती है. खेती किसानी में पैसों की जरूरत होती है, इसलिए जो किसान डिफॉल्टर घोषित कर दिए जाते हैं, वो किसी बैंक से लोन ले सकते हैं.
डिफॉल्टर किसानों के बारे में
किसान जब पुराने लोन की किस्ते या फिर ईएमआई (EMI) का सही समय पर भुगतान नहीं कर पाते तो बैंक उन्हें डिफॉल्टर घोषित कर देती है. इस वजह किसानों को दोबारा लोन लेने में काफी समस्या होती है. क्योंकि बैंक चाहे कोई भी हो, बैंक लोन देने से पहले रिकॉर्ड जरूर चेक कर लेती है. ऐसे में लोन वसूलने के लिए बैंक और एजेंट्स लगातार संपर्क करते हैं. अपनी क्रेडिबिलिटी को दिखाने केलिए किसान लेट फीस के साथ लोन की रकम जमा करके अपना क्रेडिट स्टेट्स सुधार सकते हैं.
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डिफॉल्टर किसानों को दोबारा मिल सकता है लोन
लोन देने के लिए सिबिल स्कोर या क्रेडिट स्टेटस को जांचा जाता है. अगर किसान ने पुराना लोन भले ही देर से चुका दिया जाए, तो दोबारा लोन मिल सकता है. लोन के लिए 750 सिबिल स्कोर होने जरूरी है. इसके अलावा देश में कई वित्तीय संस्थान 300 से ज्यादा सिबिल स्कोर वाले आवेदकों को लोन दे देते हैं. लेकिन उनकी ब्याज ड्रोन की बात करें, तो वो काफी ज्यादा होती है.
सिबिल स्कोर सुधारने के लिए करें ये काम
अगर आप डिफॉल्टर किसान घोषित नहीं होना चाहते हैं, तो अपना सिबिल स्कोर सुधारने की कोशिश करें. इसके लिए आपने जिस भी बैंक से लोन लिया है, उसकी बजाय किस्त समय पर चुका दें. किसान की जितनी आय हो उस हिसाब से लोन पास करवाना चाहिए. ताकि उसे आसानी से चुकाया जा सके.
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लोन के लिए शर्तें भी
डिफॉल्टर किसानों के लिए प्राइवेट बैंक और कंपनी ने लोन के लिए रास्ता साफ़ कर दिया है. लेकिन इसकी शर्त यही है कि, किसान को जमानत या कोई गारंटी देनी होगी.
देश में कई ऐसे राज्य हैं, जहां की सरकारें कर्जमाफी और ब्याज पर माफ़ी की योजनाएं ला चुकी हैं. इतना ही नहीं लोन पर बीज, खाद, मशीन खरीदने और उर्वरक पर सहूलियत दी जाती है.