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धान की महाखरीद, 48 घंटे के भीतर करोड़ों का भुगतान

Published on: 14-Nov-2022

धान खरीद को ले कर हर साल ऐसी खबरें आती रही हैं, कि अमुक राज्य में किसानों की धान खरीद नहीं हो पाई, इस वजह से उन्हें नुकसान हो गया। लेकिन, दूसरी तरफ एक ऐसा राज्य भी है, जहां धान खरीद के रिकार्ड बन रहे हैं, जी हां, वह राज्य है छत्तीसगढ़। इस राज्य में नवंबर महीने की शुरुआत से ही धान खरीद का महाभियान चलाया जा रहा है। यह महाभियान अगले साल के 31 जनवरी तक चलेगा। धान का जो न्यूनतम समर्थन मूल्य है, उस पर राज्य सरकार ने अभी तक एक लाख दस हजार मीट्रिक से अधिक टन धान खरीद लिया है। इसके एवज में 37,641 से अधिक किसान अपने बैंक खाते में 295.65 करोड़ का भुगतान पा चुके हैं। राज्य सरकार धान खरीद के 48 घंटों के भीतर ही भुगतान राशि किसानों के बैंक खाते में भेज दिया जा रहा है। राज्य सरकार धान खरीद के लिए एक नया तरीका अपना रही है। सरकार की तरफ से किसानों को एक टोकन दिया जाता है, जिसे टोकन तुंहर हाथ नाम के एक अप्लिकेशन से किसानों के मोबाइल पर भेज दिया जाता है।

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अभी तक की खबर के अनुसार, छत्तीसगढ़ में ऐसे 16,589 टोकन जारी किए जा चुके हैं। जाहिर है, इतनी शानदार और पारदर्शी व्यवस्था के कारण इस साल धान खरीद को ले कर आने वाली शिकायतों में भी कमी आई है। धान की तेज खरीद और उठाव के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने 720 राईस मिलरों से कान्ट्रेक्ट भी किया है। राज्य सरकार ने अपनी तरफ से राईस मिलर्स को 7.93 लाख मीट्रिक टन धान कुटाई के लिए कहा है। जाहिर है, इतनी तेजी से काम होने का नतीजा भी सकारात्मक होगा। राज्य सरकार के अधिकारियों के मुताबिक, सरकार ने करीब 110 लाख मीट्रिक धान खरीद का लक्ष्य रखा था, जो पूरा हो चुका है। इसके अलावा धान खरीद का काम अभी भी जारी है, तो जाहिर है कि राज्य सरकार इस बार अपने लक्ष्य से अधिक धान खरीदने जा रही है। ऐसे में, किसानों की बल्ले-बल्ले ही है, लेकिन यह भी सच है कि अन्य राज्य सरकारों को भी इस मॉडल से सीख लेने की जरूरत है। बिहार जैसे राज्य में हर साल पैक्स के माध्यम से यह काम किया जाता है और हर साल ऐसी शिकायतें आती हैं, कि ज्यादातर किसानों के धान पैक्स गोदाम तक पहुँच कर भी खरीदे नहीं जा सके। ऐसे में उन किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है।

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