Published on: 18-Nov-2023
भैंस की कालाहांडी नस्ल मुख्य तौर पर ओडिशा के कालाहांडी एवं रायगढ़ जनपद में पाई जाती है। बतादें, कि इसको भैंस की उन्नत नस्लों में गिना जाता है। यह नस्ल एक ब्यांत में औसतन 680-900 लीटर तक दूध देती है। ऐसी स्थिति में इसे डेयरी व्यवसाय के लिए काफी शानदार माना जाता है।
भारत में डेयरी उत्पादों की खपत में आए उछाल को देखकर लोगों की दिलचस्पी डेयरी व्यवसाय की ओर तेजी से बढ़ी है। विशेषकर ग्रामीण इलाकों में ये व्यवसाय काफी फल फूल रहा है, जिसके माध्यम से किसान शानदार आमदनी कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में यदि आप भी पशुपालन के क्षेत्र से जुड़कर डेयरी व्यवसाय के माध्यम से शानदार कमाई करने की सोच रहें हैं, तो हम आपको भैंस की एक ऐसी नस्ल के विषय में बताएंगे जो डेयरी व्यवसाय के लिए बेहद शानदार मानी जाती है। हम भैंस की कालाहांडी नस्ल के बारे में बात कर रहे हैं।
कालाहांडी नस्ल की भैंस की एक ब्यांत में दुग्ध उत्पादन क्षमता
भैंस की इस नस्ल को कालाहांडी एवं आंध्र प्रदेश में पेडाकिमेडी के नाम से जाना जाता है। इस भैंस की उत्पत्ति ओडिशा के कालाहांडी एवं रायगढ़ जनपद से हुई है। यही कारण है, कि इसका नाम भी कालाहांडी पड़ गया। विशेष रूप से ये भैंस इन्हीं इलाकों में पाई जाती हैं। परंतु, आंध्र प्रदेश के पूर्वी पहाड़ी क्षेत्रों में इन्हें देखा जाता है। इनका रंग सलेटी से गहरा सलेटी होता है। वहीं, माथा चपटा होता है, परंतु पूंछ का रंग काला होता है। इसके कूबड़ छोटे एवं लेवा गोल आकार में होते हैं। दूध देने की क्षमता को देखें तो ये भैंस एक ब्यांत में 680-900 लीटर तक दूध देने की क्षमता रखती है। भैंस की यह नस्ल सामान्य ताप एवं ठंड को वहन करने में भी सक्षम होती है।
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कालाहांडी भैंस का मूल्य
कालाहांडी भैंस की ज्यादा दूध उत्पादन क्षमता की वजह से इसे भैंस की उन्नत नस्लों में शम्मिलित किया जाता है। ऐसी स्थिति में यदि आप भी इस भैंस को आमदनी का एक साधन बनाना चाहते हैं, तो सबसे पहले इसकी पहचान, कीमत और खासियत अवश्य जान लें। बाजार में इस प्रजाति की भैंस की कीमत 25 हजार रुपये से लगाकर 90 हजार रुपये के मध्य है।
कालाहांडी भैंस की जाँच एवं खूबियाँ
कालाहांडी नस्ल की भैंस सामान्य तौर पर ओडिशा में मिलती है। भैंस की इस नस्ल का माथा चपटा एवं उभरा हुआ होता है। माथे पर छोटे बाल भी होते हैं। इस भैंस का रंग सलेटी से गहरा सलेटी होता है, वहीं आकार के मामले में ये मध्यम होती हैं। यह नस्ल एक ब्यांत में औसतन 680-900 लीटर दूध प्रदान करती है। भैंस की इस नस्ल को दूध के अतिरिक्त बोझा ढोने के लिए भी उपयोग में लाया जाता है। कालाहांडी भैंस के सींगों का भी इस्तेमाल किया जाता है। इनके सींगों से घरेलू सामान निर्मित किए जाते हैं। भैंस की ये नस्ल अपने मूल क्षेत्र में अपनी कार्य क्षमता एवं रोग उपकरण क्षमता के लिए जानी जाती हैं।
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आप भैंस की खुराक का खास ध्यान रखें
इस नस्ल की भैंसों को खुराक आवश्यकता के अनुसार चाहिए होती है। सामान्य तौर पर इन्हें फलीदार चारे और तूड़ी भोजन के रूप में पसंद है। इनके भोजन में ऐसे तत्वों को शम्मिलित करें, जिनमें उर्जा, प्रोटीन, कैलशियम, फासफोरस एवं विटामिन ए इत्यादि की भरपूर मात्रा विघमान हो। आप इस भैंस को दाने, तेल बीजों की खल एवं धातु वाले भोजन दे सकते हैं। इनको मक्का/गेहूं/जौं/जई/बाजरा के चारे की खुराक भी दी जा सकती है।