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बंदरों से अपनी फसल को बचाने के लिए किसान बना भालू

Published on: 02-Jul-2023

किसान की फसल को बहुत सारी आपदाएं प्रभावित करती है। कभी बारिश तो कभी सूखा परंतु आवारा पशु भी किसानों की कड़ी मेहनत से उगाई गई फसलों को काफी नुकसान पहुंचाते हैं। फसलों को पशुओं से बचाने के लिए किसान भिन्न भिन्न प्रकार के उपाय करते हैं। कुछ किसान अपने खेतों पर तारबंदी करते हैं तो कुछ किसान दिन रात खेतों पर पड़े रहते हैं। तेलंगाना के एक किसान भास्कर रेड्डी ने भी ऐसे ही अपनी फसल को बंदरों एवं जंगली सूअरों से बचाने के लिए अद्भुत उपाय आजमाया है। बतादें, कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरों में किसान को भालू की पोशाक पहन कर बंदरों से अपनी फसल का बचाव करते हुए देखा जा रहा है। जैसा कि हम जानते हैं, कि भारत के अधिकांश गांव में सामान्य तौर पर देखा गया है, कि जंगली जानवरों के कारण सर्वाधिक हानि किसानों को वहन करनी पड़ती है। इनमें सर्वाधिक बंदर एवं जंगली सूअर फसलों को क्षतिग्रस्त करते नजर आते हैं। जिसकी वजह से किसानों को प्रतिवर्ष फसलों में काफी ज्यादा हानि का सामना करना पड़ता है। फिलहाल, कुछ किसान जंगली जानवरों के कहर से बचने के लिए आम उपाय करते दिखाई दे रहे हैं।

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वर्तमान में दक्षिण भारतीय एक किसान भास्कर रेड्डी ने अपनी फसल को बंदरों एवं जंगली सूअरों के आतंक को समाप्त करने के लिए एक देसी नुस्खा आजमाया है, जिसका उसे सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल रहा है। भारत भर के बाकी किसान भी इससे सीख लेकर खेती में अपनी हानि को कम कर सकते हैं। सोशल मीडिया पर किसान के देसी जुगाड़ की तस्वीर बड़ी तीव्रता से वायरल हो रही है। जानकारी के लिए बतादें, कि मीडिया एजेंसी एएनआई के मुताबिक तेलंगाना के एक किसान भास्कर रेड्डी ने अपनी फसल बचाव के लिए एक कदम आगे बढ़कर एक भालू की पोशाक को धारण कर अपने खेतों को बंदरों एवं जंगली सूअर से बचाने का अचूक उपाय खोज निकाला है। किसान भास्कर रेड्डी के मुताबिक, उन्होंने जंगली सूअर एवं बंदरों के आतंक से बचने के लिए यह अनोखा तरीका आजमाया है, जो कि फसल कटाई से पूर्व ही उसकी फसल को हानि पहुंचाते देखे जाते थे। किसान ने बताया है, कि खेतों की फसल के बचाव के लिए वह और उनका बेटा बारी-बारी से पोशाक पहनकर खेतों में जाते हैं। जिससे की जंगली सूअर एवं बंदरों से खेतों को बचाया जा सके। वर्तमान में उन्होंने इस कार्य के लिए 500 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से एक शख्स को रखा है। किसान के मुताबिक, उन्होंने यह पोशाक हैदराबाद में कॉस्ट्यूम सप्लाई वेंडर से ली थी, जो कि थिएटर ग्रुप के लिए कपड़े बनाता है, जिसे उन्होंने 10,000 रुपये में खरीदा था।

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