Published on: 08-Sep-2023
किसान भाई मधुमक्खी पालन कर एवं उसका शहद बेचकर शानदार लाभ उठा सकते हैं। शुद्ध शहद का बाजार में काफी अच्छा भाव मिलता है। अगर आप किसान हैं व फल-सब्जियों की खेती कर के थक गए हैं, तो ये खबर आपके लिए काफी काम की हो सकती है। भारत में तीव्रता से मधुमक्खी पालन बढ़ रहा है। विशेषज्ञ इसे मुनाफा देने वाला कार्य बताते हैं। बड़ी तादात में किसान मधुमक्खी पालन कर मुनाफा उठा रहे हैं। सरकार की तरफ से भी किसानों को मुनाफा देने के लिए प्रोत्साहित करने का कार्य किया जा रहा है। केंद्र सरकार की ओर से मधुमक्खी पालन पर 80 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। साथ ही, राज्य सरकार भी इस कार्य के लिए किसानों को प्रोत्साहन देती हैं।
मधुमक्खी पालन करने हेतु 90 फीसद अनुदान
बिहार राज्य में सरकार की ओर से मधुमक्खी पालन करने के इच्छुक किसानों को 90 प्रतिशत तक की सब्सिड़ी दी जाती है। शहद के लिए कॉलोनी समेत मधुमक्खी बॉक्स, मधु निष्कासन यंत्र और प्रसंस्करण के लिए सामान्य श्रेणी के कृषकों को 75 प्रतिशत तक सब्सिड़ी दी जाती है। वहीं, एससी-एसटी श्रेणी के कृषकों को 90 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जा रहा है।
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मधुमक्खी पालन किस प्रकार करें
मधुमक्खियों को रखने के लिए कृषकों को कार्बनिक मोम (डिब्बे) की व्यवस्था करने की आवश्यकता पड़ती है। इसमें 50 हजार से लेकर 60 हजार मधुमक्खियां एक साथ रखी जाती हैं। ये मधुमक्खियां लगभग एक क्विंटल शहद की पैदावार करती हैं।
शहद उत्पादन से शानदार मुनाफा होगा
बाजार में
शुद्ध शहद का भाव 700 से लेकर 100 रुपये प्रति किलो तक रहता है। अगर आप प्रति बॉक्स 1000 किलो शहद की पैदावार करते हैं, तो प्रति माह में लाखों रुपये बचा सकते हैं।
मधुमक्खी पालन में कितना खर्चा आता है
विशेषज्ञों की मानें तो 10 पेटी से मधुमक्खी पालन की शुरुआत की जा सकती है। इसमें लगभग 40 हजार रुपये तक की लागत आती है। मधुमक्खियों की तादात भी हर एक साल बढ़ती है। जितनी अधिक मधुमक्खियां बढ़ती हैं, शहद उत्पादन भी उतना ही ज्यादा होता है। साथ ही, मुनाफा उसी हिसाब से कई गुना तक बढ़ जाता है।