बारह महीने उपलब्ध रहने वाले इस फूल की खेती से अच्छा मुनाफा कमा रहे किसान

Published on: 28-Nov-2022

उत्तर प्रदेश राज्य के जनपद मिर्जापुर में भदोही निवासी किसान नजम अंसारी गुलाब और जरबेरा के फूलों का उत्पादन करके अच्छा खासा लाभ उठा रहा है। जरबेरा के फूलों मांग अधिकांश बड़े शहरों में होती है और किसान इसके फूलों की आपूर्ति भी करता है। किसान इन फूलों की खेती पाली हाउस की सहायता से तैयार करता है। इन फूलों के उत्पादन से बहुत सारे जरूरतमंदों को रोजगार का अवसर प्राप्त होता है। जरबेरा एवं गुलाब के फूलों की विशेष बात यह है कि इनका प्रयोग खुशनुमा समारोह में अधिकतर होता है जैसे जन्मोत्सव, विवाह समारोह एवं अतिथि गृह को सजाने इत्यादि। इस वजह से कई सारे किसान फूल की खेती की तरफ अपना रुख कर रहे हैं।

नजीम अंसारी कितनी भूमि में कर रहे हैं, जरबेरा की खेती

बतादें कि उत्तर प्रदेश राज्य के जनपद मिर्जापुर में भदोही निवासी किसान नजम अंसारी ने तकरीबन ३ बीघे भूमि पर गुलाब एवं जरबेरा के पुष्पों का उत्पादन किया है। जरबेरा एवं गुलाब के फूलों का उत्पादन करने हेतु पाली हाउस तकनीक की सहायता ली जा रही है। फूलों के उत्पादन के लिए १५ से २० लोग कार्यरत हैं। जरबेरा के फूलों की आपूर्ति प्रयागराज, वाराणसी, कानपुर लखनऊ समेत और भी बहुत सारे जिलों की जाती है। यदि इनकी कीमत की बात की जाये तो जरबेरा का एक फूल ८ से १० रूपये में बिकता है। समारोह कार्यक्रमों के दौरान इसकी मांग के साथ साथ इसकी कीमत में भी बढ़ोत्तरी हो जाती है।


ये भी पढ़ें:
फूलों की खेती से कमा सकते हैं लाखों में
प्रत्येक फूल अपने आप में मूल्यवान होता है, जरबेरा फूल की खेती भी किसानों को धनवान बनाने में सक्षम है। जरबेरा के फूलों को पाली हाउस में निर्धारित तापमान में ही रखा जाता है। भदोही किसान नजम अंसारी का कहना है, कि जरबेरा फूलों का उत्पादन उन्होंने कुछ वर्ष पूर्व ही की थी, परंतु अब इसकी सहायता से बेहद अच्छा खासा लाभ अर्जित कर रहे हैं। इन फूलों के उत्पादन में पाली हाउस एक अहम भूमिका निभाते हैं, क्योंकि पालीहाउस में २० से २५ डिग्री सेल्सियस तापमान स्थिरता रखने में मदद करता है, जो कि इन फूलों के बेहतर उत्पादन में बेहद सहायक साबित होता है। हालाँकि, ठंड के समय इसके उत्पादन में घटोत्तरी होती है।

जरबेरा का फूल कितने दिन तक ज्यों का त्यों रह सकता है

जरबेरा एक बहुत ही सुंदर और आकर्षक पुष्प है, इसकी रंग बिरंगी पंखुड़ियों को निहारने से बेहद आन्तरिक सुकून और चैन मिलता है। इसी वजह से जरबेरा के पुष्पों का इस्तेमाल कार्यालयों, भोजनालयों, विश्रामालयों, गुलदस्ते बनाने एवं वैवाहिक समारोहों में सजावट हेतु इत्यादि में इस्तेमाल होता है। यह सफेद, गुलाबी, लाल पीला, नारंगी एवं और भी रंगों वाला जरबेरा वर्ष के १२ माह उपलब्ध होता है। बतादें कि जरबेरा के फूल से आयुर्वेदिक औषधियां भी निर्मित होती हैं। जरबेरा पुष्प की एक विशेषता यह भी है, कि पानी के बोतल में इसे रखने पर यह दो सप्ताह तक से भी ज्यादा ज्यों का त्यों रह सकता है।

Ad