यूंतो मशीनें आदमी के काम के हक को छीनती हैं लेकिन किसानों द्वारा धान गेहूं फसल चक्र अपनाने के कारण मशीनों की आवश्यकता और उपयोगिता दोनों बढ गई है। खेती में कटाई मंडाई का काम एकसाथ होने के कारण मशीनों की जरूरत ज्यादा हो गई है। एसे में कम्बाइन हार्वेस्टर बेहद काम की मशीन है। यह विस्तृत क्षेत्र वाले राजस्थान में सरसों, मध्यप्रदेश में सोयाबीन, यपी, हरियाणा एवं पंजाब आदि राज्यों में गेहूं एवं धान आदि फसलों के तजी से निकालने का काम इससे किया जा सकता है। प्रीत, करतार आदि कंपनियां करीब 20 लाख रुपए कीमत वाली और बड़ी कमबाइन मशीन बनाती हैं।
फसल कटाई के समय किसानों को चाहिए कि कंबाइन हार्वेस्टर से खेतों में लगे फसल की कटाई करें। इससे कम लागत और कम समय में फसलों की कटाई संभव हो पाती है। कटाई के वक्त कम से कम फसल की बर्बादी होती है। साथ ही फसल कटाई के बाद तत्काल खेत नई फसल की बुआई के लिए तैयारी हो जाता है। धान, गेहूं और सोयाबीन और चना के फसल की कटाई के लिए यह मशीन बिलकुल उपयुक्त प्रतीत होती है। कृषि वैज्ञानिकों की माने तो नयूमेटिक पहियों वाला कंबाइन हार्वेस्टर गेहूं और अपलैंड फसल की कटाई के लिए बिलकुल उपयुक्त मानी गई है। जबकि धान के साथ गीला क्षेत्र वाले खेतों में फसल कटाई के लिए रूबराइजड अंडर कैरिज प्रणाली उपलब्ध है। पहिया और चेन वाली कम्बाइन का अलग तरह के खेतों में कटाई करती है। जल प्लावित खेतों में चेन वाली कम्बाइन कटाई करती है वहीं सूखे खेतों में टायरों वाली कम्बाइन से कटाई हो सकती है। कम्बइन की यह खूबी है कि यह फसल को काटने के साथ अनाज को छारकन ट्राली में भर देता है या फिर किसान जहां चाहे वहां इकट्ठा कर देता है।