Published on: 12-Jul-2023
भारत के कई राज्यों में अत्यधिक मानसूनी बारिश ने किसानों की फसलों को हानि पहुंचाई है। मानसूनी बारिश के चलते हिमाचल प्रदेश के किसानों की फसलों को भी काफी प्रभावित किया है। बतादें, कि सोलन जनपद में कई हैक्टेयर में लगी सब्जियों की फसल चौपट हो गई है।
सावन के दस्तक देते ही भारत के विभिन्न राज्यों में अच्छी खासी बारिश ने हाजिरी दे दी है। बतादें, कि भारत की राजधानी समेत विभिन्न राज्यों में विगत कई दिनों से मूसलाधार बरसात हो रही है। इसके चलते विशेष रूप से हिमाचल प्रदेश में नदी नाले उफान पर आ चुके हैं। साथ ही, खेतों में जलभराव की स्थिति पैदा हो चुकी है। वहीं, मूसलाधार बारिश होने की वजह से धान की खेती करने वाले किसान बेहद खुश हैं, तो बागवानी एवं सब्जी उगाने वाले किसानों के लिए यह बरसात मुसीबत बन चुकी है। निरंतर हो रही इस बारिश की वजह से शिमला मिर्च, हरी मिर्च, फूलगोभी और टमाटर समेत विभिन्न प्रकार की हरी सब्जियों को भारी हानि पहुंची है। इससे किसान भाइयों को आर्थिक तौर पर हानि उठानी पड़ी है।
मुरादाबाद में किसानों को भारी नुकसान
यदि हम बात उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद की करें तो यहां पर बारिश के चलते हरी सब्जियों की खेती करने वाले किसान काफी दुखी नजर आ रहे हैं। खेत में पानी भर जाने की वजह से भिंड़ी, लौकी और खीरा समेत विभिन्न प्रकार की फसल बर्बाद हो गई। परंतु, सबसे ज्यादा हानि हरी मिर्च की खेती करने वाले किसानों को वहन करनी पड़ी है। किसानों का कहना है, कि इस साल हरी मिर्ची की फसल अच्छी हुई थी। ऐसे में उनको आशा थी कि हरी मिर्च बेचकर उन्हें अच्छी खासी आमदनी होगी। परंतु, बारिश ने उनके सारे सपनों चकनाचूर कर दिया।
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बागवानी फसलों को काफी हानि पहुंची है
यह कहा जा रहा है, कि जिले के मिर्च उत्पादक किसानों को बरसात की वजह से काफी हानि वहन करनी पड़ी है। वर्तमान में किसान फसल बर्बादी से हताश होकर सरकार के आगे मुआवजे की मांग कर रहे हैं। मुरादाबाद के देवापर के सैनी वाली मिलक में बारिश होने की वजह से कृषकों की कई लाख रूपए की
हरी मिर्च की फसल चौपट हो गई है। इसी प्रकार शामली जनपद में भी बारिश के चलते टमाटर, लौकी, तोरी और हरी मिर्च की फसल चौपट हो गई है।
अधिकारियों को हानि का आँकलन करने के निर्देश दिए गए हैं
हिमाचल प्रदेश में भी मूसलाधार बारिश से किसानों को काफी ज्यादा नुकसान हुआ है। सोलन जनपद में कई हेक्टेयर में लगी सब्जियों की फसल बर्बाद हो गई। इससे सैकड़ों किसानों को लाखों रुपये की आर्थिक क्षति उठानी पड़ी है। ज्यादा बारिश से टमाटर और शिमला मिर्च की फसल खेतों में तैर गईं। साथ ही, पानी में निरंतर भिंगने के चलते टमाटर और शिमला मिर्च सड़ने भी लगे हैं। किसानों का कहना है, कि बारिश से जनपद में 30% फसल बर्बाद हो चुकी है। इसी कड़ी में किसानों की मांग पर नुकसान का आकलन करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।
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किसानों को वर्ष भर में करोड़ों की हानि
बतादें, कि सोलन जनपद में 5800 हेक्टेयर में किसान टमाटर की खेती करते हैं। सोलन जनपद में टमाटर से वार्षिक 80 करोड़ रुपये का व्यवसाय होता है। उधर, इसी तरह यहां के किसान वर्ष में 26290 क्विंटल शिमला मिर्च की पैदावार करते हैं, जिसे बेचकर 41.20 करोड़ रुपये की आमदनी होती है। यदि बारिश से 30 प्रतिशत फसल बर्बाद हो जाती है, तो किसानों को करोड़ों रुपये की हानि हो सकती है।