Published on: 06-Jul-2022
अगर जमीन कम हो तो किसान सोच में पड़ जाता है कि कैसे खेती से ज्यादा कमाई होगी. लेकिन जमीन के छोटे टुकड़े में भी खेती करके अधिक पैदावार प्राप्त किया जा सकता है.
कम जमीन पर भी ज्यादा पैदावार प्राप्त करना मुश्किल है पर नामुमकिन नहीं है. इसको लेकर लगातार प्रयोग किया जाता रहा है. भारत ही नहीं विदेशों में भी कम जमीन में अधिक उपज प्राप्त करने को लेकर प्रयास किए जाते रहे हैं. इस क्षेत्र में इजराईल ने महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है.
कम भूमि में खेती कर अधिक उत्पादन प्राप्त कर इजराइल ने बनाया मिसाल
इजराइल एक ऐसा देश है जो अपने नवीन अनुसंधानों के लिये जाना जाता है और इसी के कारण निरंतर चर्चा में रहता है. रक्षा के क्षेत्र में हो या स्वास्थ्य के क्षेत्र में इजराईल हमेशा नए नए कीर्तिमान स्थापित करता रहा है. अब कृषि के क्षेत्र में उसके प्रयोग ने सारी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है. आजकल इजरायल द्वारा विकसित की गई
वर्टिकल फार्मिंग (
Vertical farming) की आधुनिक तकनीक काफी चर्चा में है और यह तकनीक देश-विदेश में काफी लोकप्रिय हो रही है.
क्या है वर्टिकल फार्मिंग की आधुनिक तकनीक ?
वर्टिकल फार्मिंग की आधुनिक तकनीक के तहत कम जगह में दीवार बनाकर खेती की जाती है. वर्टिकल फार्मिंग की आधुनिक तकनीक के तहत सबसे पहले लोहे या बांस की मदद से दीवार नुमा ढांचा खड़ा किया जाता है. ढांचे पर छोटे-छोटे गमलों को खाद, मिट्टी और बीज डालकर करीने से रखा जाता है. इसके पौधों की रोपाई नर्सरी की तरह भी गमलों में की जा सकती है.
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बहुत उपयोगी है ये वर्टिकल फार्मिंग तकनीक
कम जमीन और कम संसाधनों में खेती करने के लिए यह एक बहुत उपयोगी विकल्प है. हालांकि भारत जैसे देशों में खेती के लिए पर्याप्त उपजाऊ जमीन मौजूद है लेकिन विश्वा में बहुत से देश ऐसे हैं जहाँ खेती योग्य जमीन की कमी है. इजराइल के पास भी खेती योग्य जमीन कम है जिसके कारण उसे खाद्यान्न आपूर्ति के लिए अन्य देशों पर निर्भर रहना पड़ता है. इसी को देखते हुए इजराईल नें वर्टिकल फार्मिंग की आधुनिक तकनीक का इजाद किया जो कम भूमि संसाधनों वाले देशों के लिए वरदान सिद्ध हो रहा है.
चीन, कोरिया, जापान, अमेरिका, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश भी इस तकनीक को सफलतापूर्वक अपना रहे हैं. बड़े शहरों में अच्छी और ताज़ी सब्जियों की आपूर्ति करना थोड़ा मुश्किल होता है क्योंकि दूर दराज के गांवों से लाया जाता है. वर्टिकल फार्मिंग के द्वारा अब शहरों में ही वर्टिकल फार्मिंग द्वारा सब्जियों को उगाकर मांग की आपूर्ति करना आसान होता जा रहा है.
ड्रिप इरीगेशन से होती है पानी की बचत
इजरायल द्वारा ही सिंचाई तकनीक
ड्रिप इरीगेशन या बूंद-बूंद सिंचाई पद्धति इस तरह की खेती के लिये उपयोगी होता है. इससे पानी की बर्बादी भी बचती है और पौधों में जरूरत के मुताबिक पानी दिया जाता है. इस तकनीक का उपयोग अब भारत में भी होने लगा है. इस तकनीक के जरिए अनाज, सब्जियां, मसाले और औषधीय फसलें सभी कुछ उत्पादित की जा रही हैं. इस तकनीक का दूसरा लाभ ये है कि इससे पौधों में कीड़े और बीमारियों का खतरा भी कम हो जाता है.
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वर्टीकल फार्मिंग रोजगार का भी है माध्यम
बहुत कम जगह में उत्पादन की क्षमता के कारण वर्टीकल फार्मिंग का यह तकनीक शहरी क्षेत्रों के लिए बेहद लाभदायक है. हांलाकि वर्टीकल फार्मिंग में खर्च परंपरागत खेती से ज्यादा है लेकिन यह भी सच है की इससे लाभ भी ज्यादा है. यही कारण है कि मुंबई, पुणे, बेंगलुरु, चेन्नई और गुरुग्राम जैसे बड़े शहरों के लोग नौकरियां छोड़कर वर्टिकल फार्मिंग को अपना रहे हैं क्योंकि उन्हें अच्छा मुनाफा प्राप्त हो रहा है.
इको फ्रेंडली वर्टीकल फार्मिंग
वर्टीकल फार्मिंग तकनीक जहां कम जमीन में खेती के लिए लाभदायक है, इससे वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदुषण भी कम होता है और पानी एवं अन्य संसाधनों की भी बचत होती है. शहरों में अपनाए जाने के कारण हरियाली तो बढाती ही है साथ ही पर्यावरण को शुद्ध रखने में ये सहायक है. शहरों में उत्पादन करने से परिवहन लागत भी कम हो जाती है.