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जानिए खेती किसानी से कैसे कमा रहा है यह किसान लाखों में मुनाफा

Published on: 15-Dec-2022

हरियाणा राज्य के जनपद करनाल में टखाना निवासी महिपाल जो कि कृषि को ही अपना सब कुछ मानते हैं। प्रत्येक सीजन में तकरीबन ३ लाख रुपए की आय अर्जित कर लेते हैं। नीलोखेड़ी एफपीओ(Nilokheri FPO) के साथ संबंध बनाने के उपरांत उनके लिए कृषि पथ बेहद सुगम हो गया है। भारत में खेती - किसानी प्राचीन काल से ही होती आ रही है। कृषकों के लिए कृषि उनकी आमंदनी का प्रमुख जरिया होने के साथ जीवनचर्या का भी अभिन्न हिस्सा है।



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खेती-किसानी को प्रोत्साहित करने हेतु सरकार द्वारा भी अच्छी पहल की जा रही है जिसकी वजह से किसान भी अब एकजुट होकर के कृषि क्षेत्र की तरफ रुख कर रहे हैं। इसमें फार्मर्स प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन (FPO), किसानों को जुड़ने का अवसर देकर उनकी समस्याओं का निराकरण करने में अहम भूमिका अदा कर रहे हैं। इसी क्रम में हम इस लेख के जरिये से एक सफल किसान महिपाल की कहानी को बताने वाले हैं। उन्होंने नीलोखेड़ी फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड (Nilokheri Farmers Producer Company Limited) से जुड़कर कृषि में सफलता हासिल की है।


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करनाल के टखाना निवासी महिपाल खेती करते हैं, उनका बचपन से ही कृषि जगत की ओर रुख और दिलचस्पी रही है। इसकी मुख्य वजह पीढ़ियों से उनके परिवारीजन खेती करते आ रहे हैं। महिपाल ने कहा है, कि वह बचपन से ही अपने परिवारीजनों को खेती किसानी करते देखते आये हैं, जिसमें वह अपने परिवार की मदद भी करते थे। वह स्वयं की १० एकड़ भूमि में लौकी, गोभी, धान, गेहूं, सरसों, भिंडी, टमाटर,करेला इत्यादि फसलों का उत्पादन करते हैं। महिपाल खाद के तौर पर जैविक खाद का प्रयोग करते हैं, हालांकि वह पूरी तरह से जैविक कृषि तो नहीं अपना रहे हैं, परंतु आवश्यकता होने पर काफी कम मात्रा में रासायनिक उर्वरकों का उपयोग करते हैं।

सर्वप्रथम कौन-सी फसल से महिपाल ने कमाया ३ गुना फायदा

महिपाल मल्चिंग एवं द्रप्स सिंचाई व टपक सिंचाई विधि की मदद से प्याज का उत्पादन कर रहे हैं, जिससे वह अच्छा खासा मुनाफा भी कमा रहे हैं। उनके मुताबिक टपक विधि से फसल उत्पादन करने से ३ गुना अधिक आय अर्जित होती है।

क्या सहायता कर रही है नीलोखेड़ी फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड

महिपाल के अनुसार नीलोखेड़ी फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड (FPO) के जरिये उनको काफी सहयोग मिला है। साथ ही वह सरकार के माध्यम से जारी की गयी अनुदान राशि को भी सुगमता से प्राप्त कर लेते हैं। इसके अतिरिक्त किसान महिपाल को एफपीओ से हर साल १००० रुपए की जैविक खाद, दवाएं व बीज मिल जाते हैं। ट्रैक्टर, सुपर सीडर, कंबाइन हार्वेस्टर मशीन इत्यादि काफी कम मूल्य पर कृषिकार्य हेतु प्राप्त हो जाती है। नीलोखेड़ी एफपीओ के सहयोग से एक्सपोजर शिविर के जरिये विभिन्न विश्वविद्यालय, कृषि महाविद्यालय एवं खेती-किसानी से जुड़े संस्थानों में प्रशिक्षण देने हेतु कृषकों को बुलाया जाता है। जिसका मुख्य उद्देश्य आधुनिक तकनीक और फसलों से संबंधित सूचना प्रदान करना है। महिपाल ने बताया कि आने वाले समय में कृषि हेतु वह सौर ऊर्जा प्लांट स्थापित करने की तैयारी कर रहे हैं। ताकि उनको कृषि कार्यों में सुगमता हो साथ ही उनका यह भी कहना है, कि वह एफपीओ के साथ जुड़ने से पूर्व उनको एक सीजन में लगभग ४० से लेकर ५० हजार रुपए की आय होती थी। हालाँकि अब वह एक सीजन में करीब २ से ३ लाख रुपए की आमंदनी प्राप्त कर लेते हैं।

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