आपको बतादें कि मदर डेयरी (Mother Dairy) ने मूल्यों में वृद्धि हेतु डेयरी किसानों से खरीद का खर्च बढ़ना बताया है। पुनः बढ़ायी गयी कीमतों हेतु भी किसानों से अधिक मूल्य पर दूध की खरीद को मुख्य रूप से जिम्मेदार बताया है। मदर डेयरी का कहना है कि पशुओं के लिए फीड व चारे के दामों में बढ़ोत्तरी होने के कारण से किसानों को दूध देने वाले पशुओं हेतु अधिक खर्च वहन करना पड़ता है। फिलहाल उन्हें किसानों से पूर्व से अधिक मूल्य पर दूध खरीदना पड़ रहा है। मदर डेयरी ने पशुपालकों की लागत में वृद्धि का मुख्य कारण बता कर कीमतों में वृध्दि की है। मदर डेयरी ने यह बताया है कि उपभोक्ताओं द्वारा अर्जित भुगतान का ७५-८० फीसद, पशुपालकों ( दूध उत्पादकों ) को प्रदान करती है। दूध की मांग एवं पूर्ति में काफी अंतर देखने को मिल रहा है।
बतादें कि मदर डेयरी द्वारा इस वर्ष के अंतराल में चौथी बार दुग्ध मूल्यों में वृद्धि की गयी है। इससे पूर्व मदर डेयरी ने अक्टूबर माह में दूध के मूल्यों में बढ़ोत्तरी की थी। डेयरी ने फुल क्रीम दूध पर दो रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की थी। साथ ही, मदर डेयरी के उपरांत अमूल ने भी दूध के भाव में वृद्धि की। तब अमूल ने २ रुपए प्रति लीटर के हिसाब से कीमतों में बढ़ोत्तरी की थी। ऐसे में अनुमान जताया जा रहा है कि अब मदर डेयरी के बाद अमूल कंपनी भी दूध के भावों में वृध्दि करने का निर्णय ले सकती है।
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