आज के जीवन में किसानों के लिए पेड़ों का महत्व बढ़ता जा रहा है। इनसे न केवल लोगों को ऑक्सीजन (Oxygen) मिलती है बल्कि इन दिनों पेड़ किसानों के लिए कमाई का एक मुख्य साधन बनते जा रहे हैं। पेड़ों को लगाकर किसान भाई फल, फूल, औषधि, रबड़, तेल, चंदन, पशु चारा और लकड़ी का जबरदस्त उत्पादन कर रहे हैं और जमकर पैसा कमा रहे हैं। कई किसान अपने खेतों में विविधिता पूर्ण तरीके से खेत में फसल लगाते हैं। किसान अपने खेतों में तो खेती करते हैं लेकिन खेत की मेड़ों में फलदार यह औषधीय पेड़ लगा देते हैं, जिससे किसानों को अतिरिक्त आमदनी होती है। अगर आज के युग की बात करें तो किसान अपने खेत की मेड़ों में पोपलर, महोगनी, सागवान, बबूल के पेड़ भी लगा रहे हैं। इन पेड़ों से किसान लड़की का उत्पादन करते हैं और उसे बाजार में बेंचते है। किसानों की इस प्रकार की खेती पर अब सरकार सहायता करने जा रही है। जल्द ही उत्तर प्रदेश की सरकार किसानों को पेड़ों का बीमा करवाने की सुविधा देगी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जल्द ही उत्तर प्रदेश सरकार नई एग्रो फॉरेस्ट्री पॉलिसी लाने की तैयारी कर रही है। इससे किसानों को पेड़ों के बीमा का अलावा अन्य तरह के फायदे होंगे। यदि हम उत्तर प्रदेश की बात करें तो इस राज्य में कृषि एक मुख्य व्यवसाय है। जिससे प्रदेश की ज्यादातर जनता जुड़ी हुई है। यहां पर बागवानी, औषधी, मसाला, सब्जी, फल और पेड़ों से लेकर घास तक की खेती होती है। इन फसलों पर मौसम की वजह से या जंगली जानवरों और कीटों के प्रकोप की वजह से नुकसान भी होता है। जिससे फसलों के हुए घाटे की भरपाई करने के लिए सरकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत फसलों का बीमा करवाती है। इससे किसान फसल में होने वाले आर्थिक नुकसान से बच जाते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उत्तर प्रदेश की सरकार हर किसान के खेत में लगे पेड़ों का नई कृषि वानिकी नीति के तहत बीमा करवाएगी। जिससे यदि किसी भी प्रकार के प्राकृतिक नुकसान के कारण किसानों के पेड़ों को क्षति पहुंचती है तो उसकी भरपाई बीमा कंपनियों के द्वारा की जाएगी। इसके साथ ही इस नई कृषि वानिकी नीति के तहत पौधों की रोपाई और पेड़ों से मिले उत्पादों की मार्केटिंग में भी सरकार के द्वारा किसानों की मदद की जाएगी।