Published on: 20-Nov-2022
अक्टूबर का महीना आते ही, पूरे उत्तर भारत में एक ही न्यूज़ हर जगह सुनने को मिलती है कि एयर गुणवत्ता यानि कि हवा में प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ जाता है, कि उस जहरीली हवा में सांस लेना भी नामुमकिन हो जाता है। दिल्ली में इसी प्रदूषण के चलते ही सरकार को यात्री आदि की चहल-पहल पर तो प्रतिबंध लगाने ही पड़े साथ ही प्रदूषण के चलते ऑफिस और स्कूल बंद करने तक की नौबत भी आ गई थी।
इस बार लेकिन आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किसानों के पराली जलाने के इस एक्शन के खिलाफ करारा जवाब देने की सोच ली है। जो किसान पराली जलाते हुए पकड़ा जाएगा, उसका नाम रिवेन्यू रिकॉर्ड्स की रेट एंट्री में दर्ज कर दिया जाएगा और साथ ही भारी मात्रा में आर्थिक जुर्माना भी लगाया जाएगा।
क्या है रेड एंट्री में नाम आने के नुकसान
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अभी तक 4000 से ज्यादा किसानों के नाम रिवेन्यू डिपार्टमेंट के रेड एंट्री रजिस्टर में दाखिल हो चुके हैं यह वही किसान हैं, जिन्हें अपनी भूमि पर पराली चलाते हुए पकड़ा गया है। रेड एंट्री में आए हुए किसान ना तो अपनी उस भूमि पर लोन ले सकते हैं, और ना ही अपनी इच्छा के अनुसार भूमि को गिरवी रखना या बेचने जैसे फैसले ले सकते हैं। साथ ही, इसी एक्शन के तहत 1.50 करोड़ से ज्यादा का जुर्माना किया जा चुका है। लेकिन अभी तक किसानों की तरफ से इसका ज्यादा भुगतान नहीं किया गया है। पिछले साल भी लगाए गए जुर्माने की राशि लगभग 2.85 करोड़ के करीब थी।
किस आधार पर लग रहा है जुर्माना
किसानों पर लगाया जाने वाला यह जुर्माना पर्यावरण जुर्माने के तहत ही आता है।
राष्ट्रीय हरित अधिकरण के तहत इस जुर्माने की राशि को किसानों की जमीन के हिसाब से रखा गया है। जैसे कि 2 एकड़ तक की जमीन वाले किसान अगर पराली जलाते हैं, तो उन पर ₹2500 तक का जुर्माना होगा और अगर आप की जमीन दो से 5 एकड़ के बीच में है तो जुर्माने की राशि 5000 हो जाएगी। इससे भी अधिक भूमि वाले किसान अगर यह कदम उठाते हैं, तो उनको रूपये १५००० तक का जुर्माना भुगतान करना पड़ सकता है।
हालांकि
वायु गुणवत्ता मंत्रालय द्वारा पहली भी ये, कदम उठाने की पहल की जा चुकी है, और साथ ही यहां पर यह अपील भी की गई थी। कि पराली जलाने के मामले को आपराधिक माना जाए। लेकिन कोर्ट के आए फैसले के अनुसार इसे केवल जुर्माने के तहत ही रखा गया है, और अभी इससे जुड़ी हुई किसी भी तरह की आपराधिक कार्यवाही नहीं की जा सकती हैं। लेकिन पंजाब सरकार द्वारा उठाया गया यह कदम कहीं ना कहीं इन मामलों में कमी जरूर लेकर आएगा। पंजाब की ही तर्ज पर हरियाणा के करनाल जिले में भी किसानों पर पराली जलाने के चलते जुर्माना लगाया गया है। यह घटनाएं पिछले साल के मुकाबले थोड़ी कम हुई हैं।