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उत्तर प्रदेश में स्टांप ड्यूटी को लेकर लिया जा रहा है सराहनीय फैसला

Published on: 10-Mar-2023

अगर आप उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में इन्वेस्टमेंट करना चाहते हैं तो यह खबर आपके लिए ही है. हाल ही में उत्तर प्रदेश में राजस्व विभाग ने सरकार को एक प्रस्ताव दिया है जिसमें खेती से जुड़ी हुई जमीन पर स्टांप ड्यूटी को पूरी तरह से खत्म करने की बात कही गई है. आगे चलकर आप चाहे तो इस जमीन पर घर बना सकते हैं या फिर से किसी बिजनेस के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं. किसी भी तरह से इस्तेमाल करने पर इसमें 1% लगने वाली स्टांप ड्यूटी नहीं ली जाएगी. विभाग द्वारा दिए गए इस प्रस्ताव को अगर कैबिनेट से मंजूरी मिल जाती है तो यह उत्तर प्रदेश में निवेश करने वाले निवेशकों के लिए एक बहुत ही बड़ी खुशी की बात होगी. कहने को स्टांप ड्यूटी केवल 1% होती है लेकिन जब इन्वेस्टर बड़ी बड़ी जमीन खरीदते हैं तो यह ड्यूटी लाखों रुपए की होती है.

अभी क्या है निवेशक और स्टांप ड्यूटी को लेकर नियम

उत्तर प्रदेश में सरकार अभी से ही  निवेशकों को यहां पर अलग-अलग यूनिट लगाने के लिए जमीन उपलब्ध करवाने की कोशिश में लगी हुई है. यहां पर कोई भी अगर औद्योगिक यूनिट बनाना चाहता है तो उन्हें कृषि भूमि को व्यवसायिक इस्तेमाल में तब्दील करवाना जरूरी है.

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अभी राज्य की राजस्व संहिता की धारा 80 के अनुसार कोई भी अगर जमीन में इन्वेस्ट करता है तो उन्हें राजस्व विभाग को एक रजिस्ट्रेशन फीस देनी पड़ती है जैसे स्टांप ड्यूटी कहा जाता है. यह जमीन की कीमत का 1% तक होता है. इसके कारण कई बार लोग इन्वेस्ट करने से पीछे हट जाते हैं और इसी शुल्क को खत्म करने के लिए हाल ही में सरकार द्वारा कैबिनेट को प्रस्ताव भेजा गया है. आंकड़ों की मानें तो नवंबर 2021 से फरवरी 2022 के बीच में उत्तर प्रदेश में रेरा के तहत लगभग 116 प्रोजेक्ट पंजीकृत किए गए हैं. माना जा रहा है कि NCR के साथ-साथ लोग नॉन NCR शहरों में भी निवेश कर रहे हैं और आजकल यह बिल्डर्स का रुझान अपनी ओर खींच रही है. नोएडा और ग्रेटर नोएडा में जमीन से जुड़े हुए कुछ कारोबारियों से बात करते हुए पता चला है कि पिछले 3 से 4 साल में यहां पर जमीन काफी महंगी हो गई है और वह इससे ज्यादा मुनाफा भी नहीं कमा पा रहे हैं. इसके अलावा आजकल 2 BHK Flats भी काफी चलन में है क्योंकि लोग अपने बजट के हिसाब से में निवेश कर सकते हैं.ऐसे में अगर स्टांप ड्यूटी खत्म हो जाए तो राहत जरूर मिलेगी.

क्या है स्टाम्प ड्यूटी

जब भी हम घर खरीदते हैं तो हमें उससे जुड़ी हुई कई तरह की वित्तीय कार्यवाही करनी पड़ती है. जैसे कि हो सकता है आपने अपने घर पर लोन लिया हो तो आपको लोन का आवेदन देने की जरूरत पड़ती है.  साथ ही आपको घर के लिए डाउन पेमेंट आदि भी करना अनिवार्य है.

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यह सब खत्म हो जाने के बाद जब अंत में जाकर घर का पंजीकरण आपके नाम पर होता है तो नगरपालिका रिकॉर्ड में घर को अपने नाम पर रजिस्टर करवाने के लिए आपको स्टांप ड्यूटी देने की जरूरत पड़ती है.सरल शब्दों में बताया जाए तो यह सरकार को दिया जाने वाला एक कर है जिसके बाद आपको अपनी संपत्ति का स्वामित्व मिल जाता है. स्टांप ड्यूटी अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग हो सकती है और यह एक ऐसा भुगतान होता है जिसे आपको एक बार में ही देना होता है नहीं तो आप पर जुर्माना लगाया जा सकता है.  यह है सरकार की तरफ से दिया जाने वाला एक कानूनी कागज है जिसे अदालत में सबूत के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता है. यह आपकी संपत्ति की खरीद और बिक्री की पूर्ण जानकारी का एक कानूनी दस्तावेज माना गया है.

दूसरे राज्यों में भी दिए गए हैं ऐसे ही बस में

हाल ही में पश्चिम बंगाल सरकार ने स्टांप ड्यूटी और सर्कल रेट पर दी गई छूट को अगले 6 महीने के लिए बढ़ा दिया है. इसे करने का सबसे बड़ा कारण है कि वहां पर रियल एस्टेट बाजार में एक उछाल आ सके.

इससे होने वाले फायदे को समझिए

यहां पर राज्य सरकार का सबसे बड़ा मकसद था कि कोरोना वायरस स्टेट को झटका ना लगे. सरकार द्वारा लिए गए फैसले से रियल एस्टेट जगत को बहुत फायदा भी मिला है और यहां पर छोटे फ्लैट में इन्वेस्ट करने वाले लोगों की संख्या काफी ज्यादा बढ़ गई है. उत्तर प्रदेश में भी अगर यह फैसला लिया जाता है तो यहां पर भी जमीन में लोगों का इन्वेस्टमेंट बढ़ जाएगा. इसके अलावा बिल्डर भी बड़ी बड़ी योजनाओं के लिए जमीन खरीदना पसंद करेंगे. राज्य सरकार को जमीन बिक्री से अतिरिक्त राजस्व मिलने की संभावना भी कहीं ना कहीं बढ़ जाएगी.

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