इस मशीन का प्रयोग धान के खेतों में पराली के खेत में बिछे होने के दौरान बगैर जुताई के बिजाई करने में किया जाता है। इसकी कीमत एक लाख 60 हजार के करीब है। खेत में मल्चर चलने के बाद यह मशीन धान के ठूंठ आदि को बीज डालने वाले स्थान के सामने से पुआल को कतरती रहती है और साथ के साथ बीज भी बोती जाती है। इस मशीन के उपयोग से खेत की जुताई का खर्चा बचने के साथ समय से बिजाई हो पाती है। जमीन की नमी भी इस प्रक्रिया को अपनाने से बनी रहती है। अंकुरण बेहद अच्छा होता है।
हैप्पी सीड़र से बुवाई करने का सबसे अहम लाभ खेत में खरपतवार न उगने, फसल को कम्पोस्ट खाद मिलने तथा उत्पादन बढ़ने के रूप में सामने आत हैं। धान की पराली के प्रबंधन का इससे अच्छा कोई दूसरा माध्यम होही नहीं सकता। इस मशीन को रोटाबेर चलने लायक अश्व शक्ति वाले किसी भी कंपनी के ट्रक्टर से चलाया जा सकता है। धान उत्पादक इलाकों में पराली प्रबंधन से जुड़ी इन मशीनों खरीदने के लिए 90 फीसदी तक अनुदान की व्यवस्था हर राज्य में है। केन्द्र सरकार के सहयोग से संचालित इस योजना का लाभ किसान व्यक्तिगत एवं समूह बनाकर ले सकते हैं। जिन इलाकों में कृषि विज्ञान केन्द्र के माध्यम से मशीन लेजाकर प्रयोग की गई है वहां सरकार की ओर से किसानों को आर्थिक मदद भी प्रदान की गई है।