भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहाँ विभिन्न राज्यों में अलग अलग फसलों का उत्पादन किया जाता है। उसी प्रकार उत्तर प्रदेश भी गेंहू का एक अच्छा उत्पादक राज्य है। जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश में गेहूं का भाव 3050 रुपए प्रति क्विंटल है। हालात ऐसे हो गए हैं, कि सबसे बड़े गेंहू उत्पादक राज्य की पहचान रखने वाला उत्तर प्रदेश गुजरात से गेंहू खरीद रहा है। जबकि इसी अनाज का भाव राजस्थान राज्य में 2800 रुपए प्रति क्विंटल है। अगर हम अंतर्राष्ट्रीय स्तर की बात करें तो रूस व यूक्रेन युद्ध की वजह से विभिन्न देशों में गेंहू की खाद्य आपूर्ति काफी प्रभावित हुई है। वर्तमान में उत्तर प्रदेश, बिहार दिल्ली जैसे राज्यों में गेंहू की कीमत 3000 के पार हो चुकी है। इस वजह से पूर्वी भारत क्षेत्रों में गेंहू की उपलब्धता में कमी देखने को मिली है। केंद्र सरकार द्वारा गेंहू को खुले बाजार में बेचने की योजना जारी करने में ढिलाई बरती है, नतीजतन गेंहू के भाव में निरंतर बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है। साथ ही, केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना हेतु गेंहू का आवंटन बाधित कर दिया है, जो कि इस समस्या का कारण बना हुआ है। ये भी देखें: गेंहू निर्यात की सुगबुगाहट के साथ ही कीमतों में आया उछाल गेंहू की उपलब्धता को लेकर उत्तरी सूबा भी काफी समस्याओं से जूझ रहा है। कृषि एगमार्केट द्वारा प्रेषित आकड़ों के अनुरूप 8 जनवरी को गेंहू का भाव 2788 रुपए प्रति क्विंटल हो गया था। विगत वर्ष के तुलनात्मक यह भाव 20 प्रतिशत ज्यादा है। अगर हम उपभोक्ता मंत्रालय के आंकड़ों की बात करें, तो गेंहू का मूल्य खुदरा बाजार में 31.17 किलो है विगत वर्ष की तुलना में 18.5 फीसद की बढ़त दर्ज हुई है। गेंहू का भाव 2022 के रबी सीजन में निर्धारित एमएसपी 2015 रुपए प्रति क्विंटल होने के बाद निरंतर बढ़े हैं। वर्ष 2023 में एमएसपी 2125 रुपए हो गई है। एक ट्रेड विश्लेषण के तहत गेंहू के साथ चावल की आपूर्ति संबंधित समस्या सामने आयी है। इस वजह से पैदावार के आंकड़ों पर भी शक जाता है। उदाहरण के तौर पर हम देखेंगे कि पश्चिम बंगाल ने अनाज खरीदी का 60 लाख टन अनाज खरीदने का लक्ष्य निर्धारित करने के बावजूद मात्र 20 लाख टन ही गेंहू की खरीद कर पाया है। ट्रेड विशेषज्ञों के अनुसार अनाज के भावों में निरंतर बढ़ोत्तरी साबित कर रही है कि महंगाई दर भी बढ़ रही है। साथ ही, गेहूं की कीमत आगामी उपज तक 3300 रुपये प्रति क्विंटल तक होने के आसार हैं। यही दशा फरवरी माह के समापन या मार्च के आरंभ तक ऐसी ही बनी रहेगी। उस समय तक गुजरात में गेहूं की नवीन पैदावार बाजार में आ चुकी होगी। आरएफएमएफआई के प्रमोद कुमार का कहना है, कि उत्तर प्रदेश एवं बाकी के उत्तरी राज्यों में गेहूं के फसल की आवक मार्च माह के समापन तक आरंभ होगी। इस स्थिति में केंद्र सरकार को अपने भंडारण से ओएमएसएस योजना के अनुरूप अनाज विक्रय किया जा सकता है। गेहूं कारोबारियों के अनुसार केंद्र सरकार खासकर पीएमजीकेएवाई को देखते हुए बाजार पर करीबी नजर बनाए हुए है।