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भारत में कम होंगे गेंहू की कीमत, भारत सरकार खुले बाजार में उतारने जा रही गेंहू

Published on: 30-Jan-2023

भारत के अंदर गेहूं व आटे के भाव काफी तीव्रता से बढ़ रहें हैं। आटा 34 रुपये प्रति किलोग्राम से ज्यादा हो गया है। आटे का भावों को काबू में रखने के लिए केंद्र सरकार द्वारा पहल की गयी है। केंद्र सरकार ने बाजार में 30 लाख टन गेहूं उतारने का निर्णय लिया है। अनाज के भाव ज्यादा ना बढ़ें। इस विषय पर केंद्र सरकार निरंतर पहल कर रही है। भारत के अंदर गेहूं का भाव विगत काफी समय से बढ़ा हुआ हैं। इससे देश की आम जनता की रसोई का बजट डगमगा रहा है। साथ ही, केंद्र सरकार पर भी दबाव बनाया जा रहा है, कि अतिशीघ्र गेहूं के भावों को काबू में लाया जा सके, ताकि आमजन आर्थिक रूप से चिंतित नहीं रहें। केंद्र सरकार की तरफ से गेहूं का भाव काबू करने हेतु निरंतर पहल की जा रही है। परंतु, फिलहाल वह नाकामयाब साबित माने जा रहे हैं। केंद्र सरकार इसी कड़ी में बड़ा कदम उठाने जा रही है।

खुले बाजार में उपलब्ध कराया जाना है 30 लाख टन गेहूं

गेहूं के भावों का प्रभाव आटे पर निश्चित रूप से पड़ने जा रहा है। गेहूं के भावों में वृद्धि होने के साथ आटे के भाव भी बढ़ते चले गए हैं। परंतु, गेहूं एवं आटे के भाव को राहत पहुँचाने के लिए केंद्र सरकार बड़ी पहल कर रही हैं। आटे के बढ़ते भावों को रोकने हेतु केंद्र सरकार खुले बाजार में 30 लाख टन गेहूं आवंटित करेगी। जिसके लिए सरकार की तरफ से गठित समिति ने भी स्वीकृति प्रदान कर दी है। विशेषज्ञों ने बताया है, कि बाजार में गेहूं की कमी आने से खपत ज्यादा होने की वजह से गेहूं एवं आटें के भाव में वृद्धि देखी गई है। ये भी देखें: केंद्र सरकार ने गेंहू के भावों को नियंत्रण करने के लिए जारी की यह योजना

गेंहू भंडारण FCI ई-ऑक्शन से जारी किया जाएगा

मीडिया से मिली खबरों के मुताबिक, बाजार में गेहूं की उपलब्धता का दायित्व एफसीआई के पास है। ई-ऑक्शन मतलब ई-नीलामी के माध्यम से ओपन मार्केट सेल योजना के अंतर्गत गेहूं बाजार में उपलब्ध किया जाएगा। गेहूं का भंडारण आटा मिलर एवं भारत के बड़े-बड़े थोक खरीदारों को टेंडर के माध्यम से विक्रय किया जाएगा। केंद्र सरकार का प्रयास है, कि बाजार में गेहूं की खपत काफी बढ़ने पर भी मांग में ज्यादा बढ़ोत्तरी नहीं हो पाए। इससे गेहूं एवं आटे के भाव में घटोत्तरी देखी जा रही है।

गेहूं 2350 रुपये प्रति क्विंटल तक उपलब्ध कराया जाना है

भारत में गेहूं के भाव को कम करने हेतु राज्य के अतिरिक्त को-ऑपरेटिव एवं सरकारी कंपनियों को भी गेहूं प्रदान किया जाएगा। केंद्र सरकार के स्तर से केंद्रीय भंडार, एनसीसीएफ एवं नाफेड को भी गेहूं उपलब्ध कराया जाएगा। केंद्र सरकार द्वारा इन्हें बिना टेंडर के 2350 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर गेहूं का विक्रय किया जाएगा।

गेंहू का भाव 34 रुपये से कम होकर 29 रुपए प्रति किलो में बिकेगा अनाज

केंद्र सरकार का प्रयास है, कि किसी भी कीमत पर आमजन की रसोई के अंदर महंगा आटा नहीं पहुँचे। इसी बात को ध्यान में रखकर ओएमएस योजना में एक नई शर्त जारी कर दी गई है। शर्त के मुताबिक, कंपनी अथवा मिलर सरकार के स्तर से गेहूं खरीदेंगे। वह गेहूं से आटा तैयार करें और उनको किसी से भी महँगा आता खरीदने की आवश्यकता नहीं है। फिलहाल खुदरा दाम 29.50 रुपये से अधिक नहीं होगा। स्पष्ट है, कि आम जनता को आटा 29.50 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से मिलेगा। वर्तमान समय में आटे का भाव 34 रुपये से ज्यादा पहुँच गया हैं। ऐसी स्थिति में केंद्र सरकार की पहल से आटे का भाव 30 रुपये से भी कम हो गया है।

गेहूं और आटा बाजार में काफी मूल्य पर बेचा जा रहा है

आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2022 में आटे के भाव में 18 फीसद और गेहूं के भाव में 14 फीसद तक बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। गेहूं का भाव भारत की विभिन्न जगहों पर 29 से 41 रुपये जबकि आटे का भाव 34 से 45 रुपये किलोग्राम तक है। गेहूं भी 3200 से 3300 रुपये प्रति क्विंटल तक विक्रय किया जा रहा है। गेहूं ही खुले में 32 से 33 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से विक्रय किया जा रहा है। ऐसे में आटे की कीमत बढ़ी हों, तब इसमें कुछ भी हैरान करने वाली बात नहीं है।

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