Published on: 08-Oct-2023
आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र अगले महीने यानी कि कृषि में उन्नत प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल पर आधारित एक छोटा सा पांच दिवसीय कोर्स आयोजित करने के लिए तैयार है। कोर्स 20 नवंबर को गाजियाबाद से आरंभ किया जायेगा।
दरअसल, भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र कृषि में बढ़ी हुई स्पेस तकनीक के चलते फिलहाल एक योजना तैयार कर रही है। जो कि उन्नत खेती और सटीक अनुमान के आधार पर खेती की उन्नति एवं प्रगति के लिए एक पांच दिवसीय कोर्स को तैयार करेगा। भारत में यह कार्यक्रम 20 नवंबर को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में सबसे पहले शुरू किया जायेगा।
20 नवंबर को गाजियाबाद में पांच दिवसीय पाठ्यक्रम
भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACe) अगले माह कृषि में उन्नत प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल पर आधारित एक छोटा सा कोर्स पाठ्यक्रम आयोजित करने के लिए तैयार है। 20 नवंबर को गाजियाबाद में चालू होने वाले इस पांच दिवसीय पाठ्यक्रम का मुख्य उद्देश्य प्रतिभागियों को कृषि में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के मांग और उसके फायदों से जुड़ी जानकारी प्रदान करना है।
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किसान आसानी से कर पाएं तकनीक का इस्तेमाल
अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी ने कृषि क्षेत्र में बहुत सारे बड़े परिवर्तन किए हैं। इसकी मदद से आज हम विभिन्न प्रकार की तकनीकों को अपना कर कृषि को उन्नत बना रहे हैं। यही कारण है कि इससे उत्पादकता में काफी बढ़ोतरी देखी जाती है। उपग्रहों एवं अन्य अंतरिक्ष-आधारित संपत्तियों से डेटा का इस्तेमाल करके, किसान फिलहाल बेहतर ढ़ंग से खेती से जुड़ी जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं। इसके साथ ही अपनी खेती से संबंधित समस्त कार्यों को अच्छी तरह से कर सकते हैं। अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी द्वारा चलाई जा रही कृषि तकनीकी किसानों को सटीक कृषि कार्यों को अपने क्षेत्रों में और भी सशक्त बनाती हैं। इसके साथ ही, यह मौसम पूर्वानुमान और जलवायु डाटा आदि विभिन्न प्रकार की सुविधाओं को सुगम बनाता है। इसकी सहायता से किसानों को ज्यादा सटीकता के साथ अपने रोपण और कटाई कार्यक्रम की योजना तैयार करने की अनुमति मिलती है।
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कृषि सुरक्षा में सहयोगी अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी
अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी द्वारा प्रदान की गई वक्त पर मौसम की चेतावनी फसलों को बोने से लगाकर उनके संरक्षण सुरक्षा तक की भविष्यवाणी करती है। इसके साथ में किसानों को अपनी फसलों को बुवाई से पहले अथवा बुवाई के उपरांत उनको कटाई बुआई आदि के लिए तैयार रखने की जानकारी बड़ी ही सुगमता से मिल जाती है। आज अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी खेती-बाड़ी में एक जरूरी संसाधन बन गया है। जो कि किसानों को विभिन्न प्रकार से सतर्क रखने के साथ ही उनकी पैदावार को बढ़ाती है।